आसमान से आफत: हरिद्वार-रुड़की में कई गांव डूबे, कमर तक पानी भरा, हर तरफ दिखा तबाही का मंजर, तस्वीरें
लगातार बारिश से हरिद्वार और रूड़की के कई गांव जलमग्न हो गए हैं. पथरी इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. हालात ऐसे हैं कि दो गांवों के लोगों को छतों पर रात गुजारनी पड़ रही है. किसानों की हजारों बीघे फसलें जलमग्न होकर नष्ट हो गयी हैं। उसी समय भारी बारिश के कारण आन्नेकी हेतमपुर में पुल के दो खंभे धंस गये, जिससे पुल का मध्य भाग झुक गया. जिसके कारण पुल पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.
गंगा और बरसाती नदियां उफान पर हैं. कभी वीरान रहने वाली गंगा की सहायक नदी बाण गंगा ने भी बरसात के मौसम में अपना रौद्र रूप ग्रामीणों को दिखाया। जिसने किसानों की फसलें अपने आगोश में ले लीं. किसानों का धान, गन्ना, हरा चारा और सब्जियां नष्ट हो गयी हैं.उधर, गंगा के मुहाने पर स्थित बिशनपुर कुंडी और पुरानी कुंडी में गंगा नदी का पानी आ जाने से गांव की सड़कें नदी बन गयीं. घरों में चार फीट तक पानी घुस गया. जिसके चलते लोगों को छतों पर शरण लेनी पड़ी.गांव के अमित कश्यप, बाबूराम, ईश्वर, पप्पू सिंह आदि का कहना है कि बारिश के पानी ने घरों में रखा सामान बर्बाद कर दिया है। उन्हें छतों पर रात गुजारनी पड़ती है। क्योंकि एक तो पानी घरों में घुस गया है.दूसरी गंगा से मगरमच्छ आने का खतरा भी रहता है। इसलिए वे अपने बच्चों की जान बचाने के लिए छतों पर आ गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि 2013 में आई बाढ़ की यादें ताजा हो गई हैं। अतिवृष्टि के कारण उन्हें भविष्य की भी चिंता सता रही है. ग्रामीणों ने प्रशासन व सरकार से जलजमाव से राहत की मांग की है.
रूड़की में बारिश, बाढ़ और जलभराव के कारण शहर से लेकर देहात तक हाहाकार मचा हुआ है. गुरुवार तड़के से शुरू हुई मूसलाधार बारिश करीब चार घंटे तक जारी रही. इसके चलते सड़क, गली और घरों में पानी भर गया। लंढौरा में भारी बारिश के कारण दीवार गिर गई, जिसके नीचे दबकर एक बालक की मौत हो गई।एक अन्य जगह दीवार गिरने से तीन गाड़ियां दब गईं. कई इलाकों में पानी भर जाने से रेस्क्यू किया गया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. कई मुख्य सड़कों पर जलजमाव के कारण यातायात प्रभावित हुआ.शहर में कई ऐसे मोहल्ले हैं. जहां बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात हैं. कृष्णानगर, गुलाबनगर, इस्लामनगर, ग्रीनपार्क कॉलोनी, मोहनपुरा, राजेंद्र नगर, लिथोप्रेस, शिवपुरम, गीतांजलि विहार आदि इलाकों में अभी भी पानी भरा हुआ है। जलभराव से परेशान ग्रीन पार्क कॉलोनी के 12 परिवार तो पलायन भी कर चुके हैं।