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उत्तराखंड

कांग्रेस ने लगाए आरोप, परिजनों ने भी उठाए सवाल, ये थे सरकार के प्लान-ए-बी-सी

SaumyaV
17 Nov 2023 11:39 AM IST
कांग्रेस ने लगाए आरोप, परिजनों ने भी उठाए सवाल, ये थे सरकार के प्लान-ए-बी-सी
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सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए सरकार के बनाए प्लान पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैंं। ऑपरेशन सिलक्यारा का अभी तक कोई ठोस नतीजा न मिलने पर परिजन भी परेशान है।

सिलक्यारा की सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए सरकार ने प्लान दर प्लान बना लिए लेकिन छठवें दिन तक भी मजदूर बाहर की आबोहवा में चैन की सांस नहीं ले पाए। ऑपरेशन सिलक्यारा को लेकर अब न केवल परिजन बल्कि कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि इस पूरे मामले में बड़ी लापरवाही बरती गई।

प्लान-1

योजना: जेसीबी की मदद से मलबा हटाया जाएगा। सुरंग खुल जाएगी और मजदूर बाहर आ जाएंगे।

क्या हुआ : मलबा हटाते वक्त ऊपर से ताजा मलबा गिरने लगा। कोशिश नाकाम हुई।

नतीजा : यह योजना विफल हो गई। मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका।

प्लान-2

योजना: ड्रिल मशीन ऑगर से ड्रिल करने के बाद मलबे के बीच से स्टील के पाइप डाले जाएंगे। इन पाइप के माध्यम से मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।

क्या हुआ: ड्रिल मशीन केवल दो मीटर तक ही ड्रिल करने में सक्षम थी। बीच में भारी चट्टान आने के बाद मशीन रुक गई। पाइप डालना संभव नहीं हो पाया।

नतीजा: भारी भरकम पाइप टनल के बाहर रखे रह गए। मजदूरों को निकालना संभव नहीं हो पाया।

प्लान-3

योजना: अमेरिकन ड्रिल मशीन लगाकर मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। इसके पुर्जे तीन हरक्यूलिस विमानों से मंगाकर बृहस्पतिवार से मशीन ने काम तो शुरू कर दिया। खबर लिखे जाने तक करीब 70 मीटर बंद टनल में से 12 मीटर तक ड्रिल भी हो चुकी थी।

क्या होगा: खुद मशीन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि अभी दो से तीन दिन और लगेंगे। अगर बीच में कोई बड़ी रुकावट न आई।

पाइप रूफ अंब्रैला तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके तहत स्टील पाइप को सरियों से कवर करते हुए टनल के भीतर ड्रिल से पहुंचाया जाता है। यह अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित तकनीकी मानी जाती है। हालांकि इसे पूरा करने के लिए भी पांच से छह दिन का समय लगता है।

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