कारगिल विजय दिवस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वीर बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि
आज कारगिल विजय दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल के वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत माता की आन, बान, शान की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले वीर सपूतों को नमन। कारगिल में देश के वीरों का सिंहनाद आज भी उसी वेग से गूंज रहा है।साथ ही शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पराक्रम की नई परिभाषा लिखी। अपने अदम्य साहस के दम पर वह कर दिखाया जो कोई सेना नहीं कर पाई। यह दिखाया कि कोई दुश्मन हमारी तरफ नजर उठाकर नहीं देख सकता। इस दौरान उन्होंने हरबर्टपुर और डीडीहाट में सैनिक कल्याण कार्यालय खोलने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग और जिला प्रशासन को शहीद स्मारकों की देखरेख करने के निर्देश दिए।मुखमंत्री ने कहा की यह आयोजन इसलिए भी जरूरी है कि आने वाली पीढ़ी इस शौर्य गाथा से परिचित हो। इसे अपने मानस पटल, अपनी स्मृति में रखें। आने वाली कई पीढ़ियां इससे प्रेरणा लेती रहेंगी। उत्तराखंड के वीर हमेशा बलिदान देने में आगे रहे हैं। उनके साहस के असंख्य किस्से सैन्य इतिहास में दर्ज हैं। उनकी स्मृति को हम कभी मिटने नहीं देंगे। कहा कि मेरा बचपन सैन्य अनुशासन और संस्कारों के बीच बीता है। अगर कार्यक्रम में और विलंब होता तो मुझे अफसोस होता। मुझे सैनिकों को देख ही देश के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सेना सक्षम और सशक्त हुई है। उसकी यश कीर्ति विश्वभर में फैली है। देश का मान, स्वाभिमान और सम्मान बढ़ा है। सैनिकों को सम्मानित करके खुद सम्मानित हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्निपथ योजना को लेकर बोला की युवाओं में जोश है। सेना केवल वेतन का जरिया नहीं, बल्कि देशभक्ति,अनुशासन और पराक्रम का भाव है। कुमाऊं और गढ़वाल में भर्ती रैली होने वाली है। सरकार से जो भी सहयोग होगा हम करेंगे।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।राज्यपाल ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अदम्य साहस, शौर्य और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया था। इस विजय अभियान में भारतीय सेना के कई शूरवीरों ने देश के लिए अपना बलिदान दिया, जिसमें उत्तराखंड के कई वीर सैनिक भी शामिल थे।उन्होंने कहा भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का गौरव बढ़ाया है जिस पर हम सभी को गर्व है। शौर्य दिवस देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन भी है। इन वीर जवानों के त्याग एवं बलिदान के कारण ही राष्ट्र की सीमाएं सुरक्षित हैं।