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उत्तराखंड

सीएम धामी बोले- भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो आईएएस और पीसीएस को भी नहीं छोड़ा

SaumyaV
31 Dec 2023 2:31 PM IST
सीएम धामी बोले- भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो आईएएस और पीसीएस को भी नहीं छोड़ा
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राज्य के इतिहास में पहली बार आईएएस, आईएफएस और पीसीएस अफसरों को भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर जेल की हवा खिलाई गई। सरकार की यह कार्रवाई सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त का संदेश देती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिर्फ ढाई साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई का रिकॉर्ड बनाया है। खासकर गुजरते साल 2023 में सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त 18 ट्रैप में चार अफसरों समेत 19 को जेल भेजा, जबकि सिर्फ ढाई साल के कार्यकाल में धामी सरकार ने सबसे ज्यादा 38 ट्रैप कर 40 भ्रष्टाचारियों को सलाखों के भीतर डाला है।

मुख्यमंत्री धामी ने भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इसमें नकल माफिया तंत्र की कमर तोड़ने के लिए आरोपियों की रिकॉर्ड 64 गिरफ्तारियां कीं। 24 के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई अमल में लाई गई। इन सभी की 17 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति जब्त की गई, जबकि 12 से अधिक आरोपियों के खिलाफ संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई जारी है। विवादित आईएएस राम विलास यादव और आईएफएस किशनचंद को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप में गिरफ्तार कर सरकार ने जेल भेजकर बड़ी कार्रवाई की है।

विजिलेंस की कार्रवाई के बाद दोनों अफसरों के खिलाफ अब केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। 2023 में जनवरी से दिसंबर तक विजिलेंस ने भ्रष्टाचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की। 18 ट्रैप कर चार अफसरों और 15 कर्मचारियों को जेल में डाला गया।

टोल फ्री नंबर से आगे आए लोग

अप्रैल 2022 में विजिलेंस ने टोल फ्री नंबर 1064 पर भ्रष्टाचार से जुड़ी करीब 423 शिकायतें मिली। जिनकी विजिलेंस गहनता से जांच कर रही है। इनमें कुछ मामलों में ट्रैप की कार्रवाई हो चुकी है, जबकि कुछ पर कार्रवाई गतिमान है।

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में बड़ी कार्रवाई

राजधानी में दूसरों की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री और रिकॉर्ड रूम में दस्तावेज गायब करने के मामले को मुख्यमंत्री धामी ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री स्वयं रिकॉर्ड रूम पहुंचे और व्यवस्था देखी। इसके बाद मामले में एसआईटी जांच बिठाई गई। इस मामले में पुलिस ने गैंग के नामी वकील समेत 13 से ज्यादा आरोपियों को जेल भेजा है। जांच चल रही है।

हरिद्वार में शत्रु संपत्ति मामले में बड़ी कार्रवाई

सरकार ने हाल ही में हरिद्वार में करोड़ों की शत्रु संपत्ति कब्जाने और इसमें मिलीभगत करने वालों की जांच विजिलेंस को दी थी। विजिलेंस ने इस मामले में पीसीएस अफसर समेत 10 से ज्यादा सरकार कर्मचारियों और जमीन कब्जाने वालों पर मुकदमा दर्ज कराया है।

देवभूमि में भ्रष्टाचार के दानवों की कोई जगह नहीं है। हमारी सरकार ने भ्रष्टाचारी कितना भी बड़ा क्यों न रहा हो निष्पक्षता के साथ कड़ी कार्रवाई की गई। सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त शासन हमारी प्राथमिकता में है। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। भ्रष्टाचार से जुड़े हर मामले में पुलिस और जांच एजेंसियों को भी निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं।

-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

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