
चमौली-- गोपीनाथ मंदिर एक तरफ झुका, आसपास आईं दरारें -उत्तराखंड में बड़े संकट की आहट

उत्तराखंड के चमौली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में स्थित गोपीनाथ मंदिर के तिरछा होने, गर्भ ग्रह में पानी टपकने तथा मंदिर के आसपास दरार पड़ने का मामला सामने आया है. स्थानीय हक-हकूक धारी और मंदिर के पुजारियों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से मंदिर में कुछ अलग ही परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं, जो कि आने वाले समय में बड़ा संकट पैदा कर सकते हैं. हक-हकूक धारी और पुजारियों का कहना है कि पूरे मामले को लेकर पुरातत्व विभाग को अवगत करा दिया गया है और पुरातत्व विभाग से संपर्क भी किया जा रहा है. उधर, जोशीमठ घरों में दरार के मामले में प्रशासन ने अभी तक ₹20 करोड़ का मुआवजा वितरित किया है.गोपीनाथ मंदिर का गर्भग्रह 30 वर्ग फुट पर फैला हुआ है. यह रुद्रनाथ भगवान के शीतकालीन गद्दी पड़ाव का प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है. इसके निर्माण की शैली कत्यूरी बताई जाती है, जिसके चलते मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग को दी गई है और अब मंदिर में पड़ रही दरारें तथा पानी टपकने की घटना से स्थानीय लोग चिंतित हैं. हरीश भट्ट ,अतुल भट्ट हक-हकूक धारी ने बताया कि मामले को लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार और पुरातत्व विभाग को भी लिखित तौर पर पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.