साइबर सिक्योरिटी के लिए प्रदेश में स्थापित होगा सेंटर ऑफ एक्सिलेंस, इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग में आपसी समन्वय स्थापित करने के लिए अपर मुख्य सचिव ने बैठक बुलाई। इस दौरान पुलिस के प्रस्तावों पर निर्णय के लिए गृह विभाग के साथ समन्वय मजबूत करने पर विचार-विमर्श हुआ।
साइबर सिक्योरिटी के लिए प्रदेश में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (सीसीओई) की स्थापना की जाएगी। यह निर्णय मंगलवार को अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में पुलिस लाइन में हुई बैठक में लिया गया। अपर मुख्य सचिव ने पुलिस के लंबित प्रस्तावों पर निर्णय लेने के लिए गृह विभाग से बेहतर समन्वय स्थापित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो भी प्रकरण जिस भी स्तर पर लंबित हैं उनका परस्पर संवाद से निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव के सामने उत्तराखंड पुलिस से संबंधित वर्तमान और भविष्य की कार्ययोजनाओं की प्रस्तुति दी। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हम सभी को एक टीम के रूप में काम करने का संकल्प लेना है। पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग में आपसी समन्वय स्थापित हो इसी के लिए यह बैठक बुलाई गई है।
इस दौरान डीजीपी अभिनव कुमार ने जयपुर में हुई डीजीपी आईजी बैठक में लिए गए निर्णयों और संकल्पों की चर्चा बैठक में की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के आकलन संबंधी सभी मापदंडों मसलन अपराध और कानून व्यवस्था, आधारभूत सुविधाएं, पब्लिक डिलीवरी में बेहतर प्रदर्शन कर उत्तराखंड पुलिस को टॉप पर लाना उनका संकल्प है।
इन बिंदुओं पर भी हुआ विचार विमर्श
- स्मार्ट एंड इंटेलिजेंस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में उपकरण लगाने और स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत नए वाहनों की खरीद को शासन स्तर से बजट स्वीकृत करने का प्रयास होगा।
- अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के गांवों को सशक्त बनाने और पलायन को रोकने के लिए सीमा रक्षक और हिम प्रहरी दल योजना के तहत गांव वालों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उत्तराखंड पुलिस अधिनियम के विभिन्न प्रस्तरों में संशोधन, पुलिस रेगुलेशन का प्रख्यापन, सहित विभिन्न पदों की नियमावली संबंधी प्रस्ताव तैयार कर समय से शासन को प्रेषित करने का निर्णय लिया गया।
- विभिन्न पुलिस इकाइयों, जिनमें अलग से जनशक्ति स्वीकृत नहीं है (एयरपोर्ट, हेलीपेड सुरक्षा, एएनटीएफ, एएचटीयू, गोवंश संरक्षण स्क्वायड) में स्वीकृत के लिए प्रयास किया जाएगा।