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उत्तराखंड

खरीदारों की सहमति के बगैर आवासीय परियोजना का विस्तार नहीं कर सकेंगे बिल्डर, बदले ये नियम

Suman Kaushik
14 March 2024 9:36 AM IST
खरीदारों की सहमति के बगैर आवासीय परियोजना का विस्तार नहीं कर सकेंगे बिल्डर, बदले ये नियम
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खरीदारों की सहमति के बगैर बिल्डर आवासीय परियोजना का विस्तार नहीं कर सकेंगे। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण समेत प्रदेश के सभी प्राधिकरणों को नियम का पालन कराना होगा।

अब आवासीय परियोजना का विस्तार करने के लिए निर्माणकर्ता (डेवलपर) परियोजना को विलंब नहीं सकेंगे। प्रोजेक्ट में बदलाव करने के लिए डेवलपर को पहले दो तिहाई भवन खरीदारों की सहमति लेनी होगी। खरीदारों की सहमति बगैर योजना का विस्तार नहीं किया जा सकेगा। इससे विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में आवासीय भवन खरीदने वाले लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्हें समय पर फ्लैट आवंटन और कब्जा दिलाया जा सकेगा।

दरअसल बिल्डर पहले एक चरण में आवासीय परियोजना की शुरुआत कर उसके लिए फ्लैटों की बुकिंग कर लेते थे। एक निर्धारित तिथि पर खरीदारों को मकान देने का वादा किया जाता था, लेकिन जैसे ही फ्लैट देने की तारीख नजदीक आती थी, इससे पूर्व बिल्डर परियोजना का विस्तार या नक्शे में बदलाव दर्शाकर प्रोजेक्ट की कंपाउंडिंग करा लेते थे। विकास प्राधिकरण में कंपाउंडिंग कराकर प्रोजेक्ट का विस्तार करा लिया जाता था।

विस्तार के नाम पर बिल्डर को तय तिथि पर फ्लैट देने से राहत मिल जाती थी। बिल्डर नए हिस्से के लिए भी बुकिंग शुरू कर देते थे। इस तरह प्रोजेक्ट की अवधि काफी लंबी हो जाती और खरीदार परेशान रहते थे। खरीदारों ने कई बार रेरा में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि विस्तार करना बिल्डर का निजी विषय है। इसके कारण बिल्डर निर्धारित तिथि पर फ्लैट पर कब्जा देने से पीछे नहीं हट सकते।

खरीदारों की लिखित सहमति होगी जरूरी

रेरा में नियमों में बदलाव का प्रस्ताव शासन को भेजा। कैबिनेट में तय हुआ कि खरीदार की सहमति को विस्तार के लिए जरूरी किया जाना चाहिए। रेरा के सदस्य नरेश सी मठपाल ने बताया कि रेरा को बदलाव से संबंधित शासनादेश प्राप्त हो गया है। अब किसी भी प्रोजेक्ट में विस्तार या बदलाव के लिए दो तिहाई खरीदारों की लिखित सहमति जरूरी होगी।

अब बिल्डर नियम के मुताबिक बदलाव के लिए स्वतंत्र नहीं

अब तक बिल्डर-खरीदार एग्रीमेंट में एक पैराग्राफ शामिल था, जिसमें लिखा रहता था कि बिल्डर नियम के मुताबिक बदलाव के लिए स्वतंत्र होगा। इस वाक्य का लाभ उठाकर बिल्डर कभी भी प्रोजेक्ट के डिजाइन में बदलाव कर देते थे। विस्तार की योजना बगैर खरीदार से पूछे ही बना ली जाती थी। अब सहमति-पत्र जरूरी होंगे। इसके लिए प्रारूप जल्द सभी प्राधिकरणों पर उपलब्ध होंगे।

कोई यूनिट नहीं बेची है तो मंजूरी नहीं लेनी होगी

किसी परियोजना में बिल्डर अतिरिक्त निर्माण के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) खरीदना चाहता है और कुछ यूनिट उस प्रोजेक्ट की बेच चुका है, तब उन यूनिट के दो तिहाई से अधिक बायर्स की सहमति जरूरी होगी। अगर किसी परियोजना में बिल्डर ने कोई यूनिट नहीं बेची है और अतिरिक्त एफएआर खरीदना चाहता है या लेआउट में बदलाव चाहता है, तो उसे ये मंजूरी नहीं लेनी होगी।

खरीदारों के हितों को संरक्षित किया जा सकेगा : राणा

आर्किटेक्ट डीएस राणा ने बताया कि अब तक बिल्डर परियोजना के विस्तार के लिए खरीदारों से कोई अनुमति नहीं लेते थे। बिल्डर नियमों को ताक पर रखकर फ्लैटों का निर्माण कर देते थे। ऐसे में फ्लैटों का समय से निर्माण पूरा करने की प्रक्रिया प्रभावित होती थी। कई मामलों में बिल्डर नियमों का पालन नहीं करते थे तो फ्लैट अवैध निर्माण के दायरे में आ जाते थे। उन्हें ध्वस्त करने के लिए प्राधिकरण से कार्यवाही शुरू कर दी जाती थी। खरीदारों को पता तब चलता था जब मामला काफी आगे बढ़ जाता था। अब ऐसा नहीं हो सकेगा। खरीदारों की सहमति से विस्तार होगा तो सब कुछ उनके संज्ञान में रहेगा। इससे कई समस्याओं से बचा जा सकेगा।

Suman Kaushik

Suman Kaushik

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