पहली बार VIP दर्शन लिया जा रहे शुल्क से बीकेटीसी ने कमाए 91.63 लाख
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) द्वारा प्रोटोकॉल के जरिए आने वाले विशेषतायुक्त भक्तों के दर्शनों से अब तक 24 लाख से अधिक की आय कमाई गयी है। बीकेटीसी देश के अन्य प्रमुख मंदिरों की तहत ही वीआईपी/ वीवीआईपी श्रद्धालुओं से शुल्क ले रही है।पहले यात्राकाल में बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। बीकेटीसी वीआईपी श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कराती थी और निशुल्क प्रसाद भी देती थी, लेकिन अब बीकेटीसी शुल्क ले रही है। परन्तु पहली बार ऐसा हुआ की बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से वीआईपी दर्शनअर्थी के दर्शन के लिए 300 रुपये शुल्क लिया जा रहा है । केदारनाथ व श्री बदरीनाथ धाम में अब तक इस सीजन में 8241 वीआईपी दर्शन कर चुके हैं। इनसे बीकेटीसी को 24,72,300 रूपये की वेतन प्राप्त हुई है। पूजा व मंदिर प्रबंधन व्यवस्था के अध्ययन के लिए बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस वर्ष यात्रा प्रारंभ होने से पहले देश के चार प्रमुख मंदिरों श्री तिरुपति बाला जी, श्री वैष्णों देवी, श्री महाकाल व श्री सोमनाथ धाम में लिए अलग-अलग दल भेजे थे। अध्ययन दलों ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न खूब प्रशंसा की थी, जिनमें से एक संस्तुति धामों के दर्शनों के लिए आने वाले वीआईपी/ वीवीआईपी से शुल्क लेने को लेकर थी। अध्ययन दलों की खूब प्रशंसा के आधार पर बीकेटीसी बोर्ड बैठक में इस निर्णय लिया गया कि वीआईपी/ वीवीआईपी श्रद्धालुओं से प्रति व्यक्ति 300 रुपए लिया जाएगा।
बीकेटीसी द्वारा प्रति व्यक्ति 300 रुपये का शुल्क निश्चित करने और उन्हें पर्ची देकर मंदिर में प्रवेश करने की व्यवस्था निश्चित किए जाने के बाद वीआईपी के नाम पर अमान्य,रूप से दर्शन करने वालों पर भी रोक लगी है। बीकेटीसी ने इस व्यवस्था की शुरुआत केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों से किया था। मुख्यमंत्री धामी ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर तीन सौ रुपये चुका कर मंदिर में दर्शन किए थे।अब अध्यक्ष अजय ने बताया कि 26 मई तक केदारनाथ धाम में 2922 वीआईपी श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे, जिनसे 8,76,600 रुपये की आय हुई। इसी प्रकार बदरीनाथ धाम में अब तक 5319 वीआईपी श्रद्धालु यात्रा कर चुके हैं, जिनसे 15,95,700 रुपये की कमाई हुई।