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टमाटर के तेवर: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में टमाटर के दाम 200 रुपये के पार, दूसरी सब्जियां बिगाड़ रही हैं बजट

Abhay updhyay
7 July 2023 1:43 PM IST
टमाटर के तेवर: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में टमाटर के दाम 200 रुपये के पार, दूसरी सब्जियां बिगाड़ रही हैं बजट
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गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में टमाटर 200 रुपये बिक रहा है. वहीं, उत्पादन प्रभावित होने से पहाड़ी टमाटर की आवक भी कम हो गयी है. सामान्य दिनों में एक हजार क्विंटल तक टमाटर बेचने वाले देहरादून जिले में अब सिर्फ 475 क्विंटल टमाटर ही मिल पा रहा है.

एक सप्ताह पहले उत्तरकाशी जिला मुख्यालय की मंडी में टमाटर की कीमत ने शतक लगा दिया था। तो वहीं गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में टमाटर का दाम 200 रुपये के पार पहुंच गया है. गंगोत्री धाम के व्यापारी जसपाल पंवार का कहना है कि गंगोत्री धाम में टमाटर की एक क्रेट 2500 रुपये से भी ज्यादा में बिक रही है. धाम में टमाटर मिलना मुश्किल होता जा रहा है। वहीं, सबसे बड़ी समस्या होटल और ढाबों की रसोई में आ रही है.

उधर, राजधानी देहरादून में टमाटर के दामों में मामूली गिरावट से लोगों को बड़ी राहत मिली है। एक सप्ताह के बाद इसमें और गिरावट आने की उम्मीद है. हालांकि, अन्य सब्जियों के बढ़ते दाम लोगों का बजट बिगाड़ रहे हैं. गुरुवार को देहरादून में टमाटर का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलोग्राम था. वहीं, फुटकर में टमाटर 80 से 90 रुपये प्रति किलो बिका. हालांकि, फूलगोभी, पत्तागोभी से लेकर भिंडी जैसी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी से लोगों को झटका लगा है.

फूलगोभी जो मई में 30 रुपये किलो थी, अब 50 से 60 रुपये किलो बिक रही है. पत्तागोभी 30-40 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 70 रुपए प्रति किलो हो गई है. निरंजपुर मंडी के निरीक्षक अजय डबराल ने बताया, अब चकराता, त्यूनी और थत्यूड़ समेत हिमाचल के कुछ हिस्सों से टमाटर दून पहुंच रहा है। 15 जुलाई के बाद टमाटर की कीमतों में गिरावट आएगी। इसके साथ ही इसी महीने से कर्नाटक से भी सप्लाई शुरू हो जाएगी, जिससे रेट सामान्य रहने की उम्मीद है।

पहाड़ी टमाटर की बिक्री आधी हो गई

उत्पादन प्रभावित होने से पहाड़ी टमाटर की आवक भी कम हो गयी है. सामान्य दिनों में एक हजार क्विंटल तक टमाटर बेचने वाले देहरादून जिले में अब सिर्फ 475 क्विंटल टमाटर ही मिल पा रहा है. इसमें 428 कुंतल पहाड़ी टमाटर और 45 कुंतल बाहरी राज्यों के हैं। बाजार में पहाड़ी टमाटरों के दाम सबसे अधिक हैं। सामान्य दिनों में प्रतिदिन 500 से 600 क्विंटल पहाड़ी टमाटर दूसरे राज्यों में भेजा जाता है, लेकिन उत्पादन कम होने के कारण स्थानीय स्तर पर आपूर्ति करना संभव नहीं हो पाता है. इसलिए अब प्रतिदिन 150 से 200 क्विंटल टमाटर ही दूसरे राज्यों में जा रहा है.

करीब दो-तीन महीने पहले टमाटर की कीमतें काफी गिर गई थीं. थोक में तीन से चार रुपये प्रति किलो बिका। इसका असर यह हुआ कि किसानों ने टमाटर की पैदावार कम कर दी और अन्य फसलें उगाने लगे। अधिक बारिश से टमाटर की फसल भी बर्बाद हो गई। उपज कम होने से रेट बढ़े। इसका असर पहाड़ी इलाकों के टमाटरों पर भी पड़ा है.|

Abhay updhyay

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