Almora Kosi Barrage: आठ साल में 45 लाख लीटर घट गया कोसी बैराज का पानी, गाद निकालने में छूट रहे पसीने
नगर सहित आसपास के क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी नदी कोसी का अस्तित्व पहले ही संकट में है। अब इस पर बने जिले के एक लाख से अधिक की आबादी की प्यास बुझाने वाले कोसी बैराज (जलाशय) पर की स्थिति भी ठीक नहीं है। आठ साल में इस बैराज का पानी 45 लाख लीटर घट गया है। इसकी मुख्य वजह बैराज में सिल्ट जमा होना है। इसकी सफाई में सरकारी मशीनरी के पसीने छूट रहे हैं।
नगर समेत कई गांवों को पेयजल संकट से मुक्ति दिलाने के लिए सिंचाई विभाग ने वर्ष 2015 में 35 करोड़ रुपये से जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर कोसी बैराज का निर्माण किया। 8.50 मीटर गहरे, 54.25 मीटर चौड़े और 1.85 किमी लंबे इस जलाशय की क्षमता चार करोड़ लीटर है। वर्तमान में इसकी क्षमता 45 लाख लीटर घटकर 3.55 करोड़ लीटर पहुंच गई है। सफाई न होने से इसमें सिल्ट जमा हो गई है। इसके साथ ही बैराज में प्लास्टिक सहित अन्य कूड़ा समा गया गया है।
नगर की बड़ी आबादी की प्यास बुझाने वाले इस बैराज की सफाई के लिए कोई मद स्वीकृत नहीं है। ऐसे में इसकी सफाई नहीं हो रही है और यह बैराज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर है। सिल्ट और गंदगी जमा होने से बैराज का पानी भी दूषित हो रहा है। यही हालात रहे तो आने वाले कुछ वर्षों में बैराज की क्षमता कम होने से जल संकट गहरा सकता है।
पहले से ही बनी है पानी की कमी
अल्मोड़ा नगर में आबादी हर साल बढ़ रही है। वर्तमान में यहां की 60 हजार से अधिक की आबादी के लिए 16 एमएलडी पानी की जरूरत है। इसके बावजूद इस बैराज से संचालित दो लिफ्ट पेयजल योजनाओं से 13 एमएलडी पानी नगर में पहुंच रहा है। ऐसे में बैराज में लगातार जमा हो रही सिल्ट से भविष्य में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है। बैराज में गंदगी जमा होने से पानी दूषित हो रहा है। इससे बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है।
वर्तमान में बैराज में रखरखाव और सफाई संबंधी कोई मद स्वीकृत नहीं है। जिला योजना से मिलने वाली राशि इसके लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में जलाशय में सफाई संबंधी कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इससे इसका जलस्तर घट रहा है। -मोहन सिंह रावत, अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड, अल्मोड़ा।
दो लिफ्ट सिंचाई योजनाएं होती हैं संचालित
कोसी जलाशय से पेयजल आपूर्ति होने के साथ ही तिमोला और पसेड़ दो लिफ्ट सिंचाई योजनाएं संचालित होती हैं। बैराज के घटते जलस्तर से भविष्य में दोनों सिंचाई योजनाओं के प्रभावित होने की भी संभावना प्रबल है।
सिल्ट जमा होने पर प्रभारी मंत्री भी जता चुके हैं चिंता
बीते 26 जुलाई को अधिकारियों के साथ आपदा संबंधी बैठक करने कलक्ट्रेट पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी कोसी बैराज में जमा सिल्ट को लेकर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने संबंधित विभाग सहित जिले के आला अधिकारियों को बैराज की सफाई के निर्देश भी दिए थे। तब उन्होंने इसके लिए बजट देने का दावा भी किया था लेकिन अब तक न तो इसके लिए शासन से बजट मिल सका और न ही अधिकारियों ने इस पर गंभीरता दिखाई है।