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उत्तराखंड

शिक्षा विभाग में तैनात बेसिक के एलटी में समायोजित, पदोन्नत शिक्षकों को पुरानी सेवा जोड़ते हुए वरिष्ठता का लाभ मिलेगा

Sakshi Chauhan
3 Oct 2023 7:36 AM GMT
शिक्षा विभाग में तैनात बेसिक के एलटी में समायोजित, पदोन्नत शिक्षकों को पुरानी सेवा जोड़ते हुए वरिष्ठता का लाभ मिलेगा
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उत्तराखंड में शिक्षा विभाग में बेसिक के एलटी में समायोग शिक्षक पिछले कई वर्षों से उनकी पुरानी सेवा को जोड़कर चयन और शक्तिशाली वेतनमान दिए जाने की मांग कर रहे थे।

शिक्षा विभाग में तैनात बेसिक के एलटी में समायोजित, पदोन्नत शिक्षकों को पुरानी सेवा जोड़ते हुए वरिष्ठता का लाभ मिलेगा।सचिव शिक्षा रविनाथ रमन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। यह फैसला हाईकोर्ट के अंतिम निष्कर्ष के अधीन रखा गया है। राजकीय शिक्षक संघ के मुताबिक, इस आदेश से सीधी भर्ती के 18 हजार एलटी शिक्षकों व व्याख्याता की वरिष्ठता प्रभावान्वित होगी।

शिक्षा विभाग में बेसिक के एलटी में समायोजित शिक्षक पिछले कई वर्षों से उनकी पुरानी सेवा को जोड़कर चयन और शक्तिशाली वेतनमान दिए जाने की मांग कर रहे थे। जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापक एवं प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना था कि उन्हें जिस तिथि से वेतनमान 5500 से 9000 रुपये मिल रहा था, उसी तिथि से उनकी एलटी में सेवा जोड़कर चयन और शक्तिशाली वेतनमान दिया जाए। विभाग की ओर से इसकी अनदेखी पर विभाग में 1980 से 1995 के बीच नियुक्त हुए शिक्षक इसके खिलाफ हाईकोर्ट चले गए।

उन्हें सिंगल बैंच से राहत नहीं मिली। डबल बैंच में इस मामले में उनकी सेवाएं जोड़ने का आदेश दिया, लेकिन वरिष्ठता के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की। डबल बैंच के फैसले के खिलाफ शिक्षा निदेशक ने उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका(SLP) दायर की। जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया। इस पर विभाग ने सात जुलाई 2014 के आदेश पर अमल करते हुए शिक्षकों को पुरानी सेवा जोड़ते हुए उन्हें चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया। इस बीच विभाग की ओर से पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी। कुछ शिक्षक वरिष्ठता की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश पर पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए।

इस आदेश से सीधी भर्ती के 18000 सहायक अध्यपाक एलटी और प्रवक्ताओं की वरिष्ठता प्रभावित हो रही है। हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे।

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