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उत्तराखंड

ऋषिकेश विद्युत वितरण खंड में 17 लाख रुपये के हेर फेर का मामला सामने आया

Sakshi Chauhan
19 Aug 2023 5:49 PM IST
ऋषिकेश विद्युत वितरण खंड में 17 लाख रुपये के हेर फेर का मामला सामने आया
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उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPCL) के ऋषिकेश विद्युत वितरण खंड में 17 लाख रुपये के हेर फेर का मामला सामने आया है। भनक लगते ही एक्ज़ीक्यूटिव यंत्र-विशेषज्ञ ने अपने स्तर से जांच समिति बनाकर आरोपी महिला कर्मी को नौकरी से निकाल दिया।

अब UPCL मुख्यालय ने स्पेशल ऑडिट के आदेश दिए हैं।

UPCLके ऋषिकेश विद्युत वितरण खंड में महिला कर्मचारी वर्षों से अस्थायी बिजली कनेक्शनों की सिक्योरिटी राशि उपभोक्ताओं को लौटाने के बजाए अपने खातों में जमा करा रही थी। उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी न होने से वह अब तक 17 लाख रुपये हज़म कर चुकी थी।

अधिशासी अभियंता कार्यालय में तलब

सूत्रों के मुताबिक, महिला कर्मचारी से एक्ज़ीक्यूटिव यंत्र-विशेषज्ञ शक्ति प्रसाद ने बदले में 19 लाख की रिकवरी करा नौकरी से निकाल दिया। अधिशासी अभियंता ने पढ़ाई अभियंता या उनसे ऊपर के किसी भी अधिकारी को मामले की जानकारी देना भी गंवारा नहीं समझा। जब अधीक्षण अभियंता गौरव शर्मा से जानकारी मांगी गई तो वह अनजान थे। उन्होंने शनिवार को अधिशासी अभियंता को कार्यालय में तलब किया है।

वहीं, ही एक्ज़ीक्यूटिव यंत्र-विशेषज्ञ शक्ति प्रसाद का कहना है कि मामले की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने इसकी जांच बैठाई थी। इस दौरान वह पैसा खाते में वापस आ गया था। उन्होंने स्वीकार किया कि महिला कर्मचारी ने जानबूझकर पैसा दूसरे खातों में पहुंचाया करती थी । बताया, मामले की जांच चल रही है। महिला कर्मचारी को नौकरी से भी निकाल दिया गया है। अभी अंतिम जांच रिपोर्ट नहीं आई है।

कई अधिकारी संदेह के घेरे में

UPCL का नियम है कि उपभोक्ताओं से जो भी सिक्योरिटी राशि जमा कराई जाती है, उसकी डिमांड लिस्ट बनाकर ई-मेल से UPCL मुख्यालय को आती है। यहां से एप्रूवल के बाद लिस्ट वापस डिवीजन चली जाती है। वहां से बैंक को भेज दी जाती है और उपभोक्ताओं के खातों में वह पैसा जमा हो जाता है। महिला कर्मचारी जो सूची बनाकर UPCL को भेजती थी, वह एप्रूवल के बाद बैंक भेजने से पहले बदल देती थी। सवाल ये उठ रहे कि सूची बैंक या मुख्यालय में तभी वैध मानी जाती है, जबकि उस पर अधिशासी अभियंता व अकाउंटेंट के हस्ताक्षर हों। महिला कर्मचारी जो सूची बदलकर बैंक भेजती थी, उसमें भी अधिशासी अभियंता व अकाउंटेंट के साइन होते थे। लिहाजा, कई अधिकारी भी सवालों के घेरे में आ रहे हैं।

इतनी राशि होती है जमा

LT कनेक्शन-1000 रुपये

HT कनेक्शन-10,000 रुपये

Sakshi Chauhan

Sakshi Chauhan

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