Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

'तुम्हारा प्रदर्शन ही सबसे बड़ा तोहफा', खिलाड़ी की बहन बोलीं-भाई के खेल को दशकों रखा जाएगा याद : Mohammed Shami

SaumyaV
20 Nov 2023 7:51 AM GMT
तुम्हारा प्रदर्शन ही सबसे बड़ा तोहफा, खिलाड़ी की बहन बोलीं-भाई के खेल को दशकों रखा जाएगा याद : Mohammed Shami
x

स्टार क्रिकेटर मोहम्मद शमी की फाइनल मैच से पहले बहन शबीना से बीच-बात हुई। वह पति के साथ शमी के गांव सहसपुर अलीनगर पहुंचीं थी। उन्होंने परिवार के साथ गांव में मैच का आनंद लिया।

भाई सलाम वालेकुम... वालेकुम सलाम दीदी, कैसी हो। यहां सब खैरियत है सिम्मी भाई, आप को खेलते देखना चाहती थी। अहमदाबाद तो नहीं आ सकी, लेकिन गांव आई हूं। अरे वाह... बताओ आपके लिए क्या लेकर आऊं गुजरात से। भाई मुझे क्या चाहिए बस भारतीय टीम के लिए किया गया तुम्हारा प्रदर्शन ही हमारे लिए सबसे बड़ा तोहफा है, ऐसे ही खेलते रहो।

यह बातचीत फोन पर मुरादाबाद मंडल के स्टार क्रिकेटर मोहम्मद शमी व उनकी बहन शबीना के बीच हुई। शबीना जिनकी शादी जोया में हुई है, वह अपने पति के साथ 19 नवंबर को पैतृक गांव सहसपुर अलीनगर पहुंचीं। वहीं परिवार के साथ मैच का आनंद लिया। उन्होंने बताया कि लोग मेरे भाई को इतना प्यार करते हैं, सरकार ने हमारे गांव को तवज्जो दी है।


यहां के बच्चे बड़े होकर सिम्मी जैसा बनना चाहते हैं। इससे बढ़कर खुशी एक परिवार के लिए क्या हो सकती है। क्रिकेट के हर चाहने वाले के लिए यह बहुत बड़ा दिन है। इस दिन सिम्मी के खेल को दशकों तक लोग याद रखेंगे।

रात भर दुआओं में रहीं मां अंजुम आरा

शमी के करीबी राजा, कारी मुनीब ने बताया कि मैच से पिछली रात शमी की मां अंजुम आरा ठीक से सो नहीं सकीं। वह पूरी रात अल्लाह से यही दुआ करती रहीं कि विश्वकप की ट्रॉफी भारतीय टीम के हाथ में हो। शुक्रवार को शमी से फोन पर उनकी बात हुई थी।

करीब डेढ़ घंटे की बातचीत में मैच को लेकर उन्हें आशीर्वाद देती रहीं। बताया कि गांव में अधिकारियों के साथ प्रदेश भर से मीडिया के लोग मौजूद हैं। शमी ने मां से कहा कि गावं में स्टेडियम बनेगा तो बच्चों को खेतों में नहीं खेलना पड़ेगा, कोचिंग लेने मुरादाबाद तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।


सिम्मी भाई के नाम पर हो स्टेडियम

शमी के गांव सहसपुर अलीनगर निवासी युवा मोहम्मद जैद, अरबाज, मोहम्मद अनस आदि का कहना है कि हमें क्रिकेट खेलने के लिए जो माहौल मिला वो सिम्मी भाई की देन है। गांव में जो नई पिच बनी है वो युवा खिलाड़ियों ने खुद बनाई है। मैदान की देखरेख सब मिलकर करते हैं।

यदि गांव में स्टेडियम बनेगा तो श्रमदान भी करेंगे। हमें व आने वाली पीढ़ियों को यह तोहफा मिला है कि अब गांव में खेल सुविधाएं बढ़ेंगी। युवाओं का कहना है कि स्टेडियम का नाम सिम्मी भाई के नाम पर ही होना चाहिए।

Next Story