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योगी जी ध्यान दें... टीएचए की मुख्य रामलीला स्थल पर हाईराइज बनाने की फिराक में है आवास विकास!
गाजियाबाद। टीएचए में 2 साल पहले तक मुख्य रामलीला इंदिरापुरम में हुआ करती थी। अब इस जगह पर निजी अस्पताल का निर्माण हो रहा है। ऐसे में इंदिरापुरम थाने के पीछे सेक्टर 7 में मुख्य रामलीला हो रही है लेकिन आवास विकास इस स्थल पर तीन बहुमंजिली टावर बनाने की फिराक में है।
वसुंधरा के निर्माण के समय से ही सेक्टर 7 में 40 एकड़ जमीन खाली पड़ी है। पिछले 20 वर्षों से इस जमीन पर सामुदायिक सुविधा और मेला मैदान की मांग की जा रही है। साल 2016 में वसुंधरा विकास समिति समेत कुछ संगठनों ने संयुक्त रूप से सामुदायिक सुविधाएं और रामलीला मैदान की मांग को लेकर अटल चौक पर कई दिनों तक धरना प्रदर्शन और अनशन किया था। इसके बाद सीएम योगी ने इस जगह पर रामलीला के लिए जगह उपलब्ध करने की मांग को मान लिया था और और प्रदेश के प्रमुख सचिव को इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद इस मामले में आंदोलनरत संगठनों को आवास विकास के अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया था कि मेला मैदान के लिए 20000 स्क्वायर मीटर जमीन चिन्हित कर दी गई है। हालांकि मामले में कोई कागजात संगठनों को उपलब्ध नहीं कराया गया। ना ही इस मामले में कोई अधिकृत घोषणा की गई, इस कारण संगठनों का आवास विकास का दौड़ लगाना जारी रहा।
पहले आवास विकास टालता रहा, अब बनाना चाहता है टावर
मामले में करीब 20 साल से संघर्ष कर रहे वरिष्ठ नागरिक समाज के प्रमुख यूबी गर्ग का कहना है कि आवास विकास परिषद ने दो बार इस जमीन का लेआउट प्लान बनाया और हमसे कहा गया कि इसमें मेला मैदान की जगह शामिल है। हम भी आस लगाए रहे लेकिन इस बीच यह डेवलपमेंट हुआ कि इंदिरापुरम वसुंधरा होकर मेट्रो की लाइन गुजरेगी। इससे आवास विकास को एफएआर ज्यादा मिल गई और इसका फायदा उठाकर अब आवास विकास यहां इस सेक्टर में तीन टावर जबकि सामने के 8 सेक्टर में दो टावर बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही आवास आयुक्त से मिलेंगे और इन टावरों के लिए टेंडर नहीं होने देंगे।
सीएम से शिकायत, कोर्ट से कार्रवाई की उम्मीद
यूबी गर्ग ने वार्ता 24 से बात करते हुए बताया कि अगर इस जमीन पर टावर बन जाएगा तो टी एच ए के पास मुख्य रामलीला के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। जब उन्हें आवास विकास के अधिकारियों से बात करने के दौरान यह भनक मिली कि यहां बहुमंजिली इमारतें बनेंगी तो उन्होंने इस महीने सीएम योगी को दो बार पत्र भेजा जिसमें कहा गया कि रामलीला स्थल के लिए आपके द्वारा दिए गए आदेश की आवास विकास अवहेलना करना चाहता है। लिहाजा इस दिशा में आप शीघ्र आदेश पारित करें ताकि हमें यह भरोसा हो सके कि रामलीला स्थल की जगह को घेरा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि 2016 में संगठन ने कोर्ट में पीआईएल डाली थी। इस दिशा में कार्रवाई के लिए वह दौड़ भाग कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट की तरफ से जल्द कार्रवाई होगी। उधर आवास विकास के अधीक्षण अभियंता एके मित्तल इस मामले में कुछ भी स्पष्ट बताने से हिचक रहे हैं। उनका कहना है कि लेआउट प्लान पर काम चल रहा है और उसके बाद ही कुछ क्लियर बताया जा सकेगा। बता दें कि आवास विकास पिछले करीब 8-10 सालों से लेआउट प्लान में संशोधन करने की बात दोहराता आया है। बहरहाल, आवास विकास परिषद इसलिए संदेह के घेरे में है क्योंकि उसने आज तक मेला मैदान की जगह अधिकृत रूप से तय नहीं किया।