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योगी ने उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के साथ की बैठक, कहा- राज्य के हर जिले में एक विश्वविद्यालय होगा
प्रदेश में एक जिला एक मेडिकल कॉलेज का संकल्प पूरा होने जा रहा है। ऐसे में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में एक यूनिवर्सिटी खोलने का नया लक्ष्य रखा गया है. जिन जिलों में अभी तक कोई सरकारी या प्राइवेट यूनिवर्सिटी नहीं है, वहां यूनिवर्सिटी खोली जाएंगी. इसे लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक की। इसमें दक्षिण भारत समेत देश के कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों के प्रमुख और अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर हुई बैठक में कहा कि सबसे बड़ी युवा आबादी वाले राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। ऐसे में निजी क्षेत्र को इसका पूरा फायदा उठाना चाहिए।यूपी देश की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। प्राचीन काल से ही यह शिक्षा का प्रमुख केन्द्र रहा है। काशी इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। काशी, अयोध्या और मथुरा प्राचीन संस्कृति और सभ्यता के नगर रहे हैं। पिछले दशकों में लोग उच्च शिक्षा से विमुख होते जा रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के प्रति सकारात्मक सोच पैदा हुई है।योगी ने कहा कि यूपी में तेजी से विकास हुआ है और अंतरराज्यीय आवागमन आसान हुआ है. साल 2017 से पहले देश में सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज थे. अभी 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज हैं और 16 निर्माणाधीन हैं. वहीं, 16 अन्य जिले जहां कोई सरकारी या निजी विश्वविद्यालय नहीं है, वहां पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर खोले जा रहे हैं.यहां 22 राज्य विश्वविद्यालय एवं तीन केन्द्रीय विश्वविद्यालय, 36 निजी विश्वविद्यालय संचालित हैं। वहीं तीन राज्य विश्वविद्यालय निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, दो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), एक भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) और दो हजार से अधिक पॉलिटेक्निक और व्यावसायिक संस्थान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बावजूद कई जिले ऐसे हैं, जहां कोई विश्वविद्यालय नहीं है. ऐसे में वहां यूनिवर्सिटी खोली जाएंगी और निजी क्षेत्र इसमें आगे बढ़कर मदद कर सकता है. इंटरमीडिएट में यूपी बोर्ड से 56 लाख छात्र-छात्राओं ने बोर्ड परीक्षा दी थी.सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 1.91 करोड़ छात्र हैं. यूपी में नेपाल, छत्तीसगढ़, बिहार और उत्तराखंड आदि राज्यों से लोग इलाज और पढ़ाई के लिए आते हैं। निजी क्षेत्र के लिए विश्वविद्यालय खोलने का अच्छा अवसर है और राज्य सरकार भी अपनी नीति के अनुसार निजी निवेशकों को पर्याप्त छूट देगी।बैठक में रमैया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, कर्नाटक के चेयरमैन डॉ. एमआर जयराम, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान, हरियाणा के उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला, तमिलनाडु की वीआईटी यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष जीबी सेल्वम, ओडिशा की सीवी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष संजीब कुमार, कर्नाटक की निति डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ. एन. विशाल हेगड़े और गलगोटियास यूनिवर्सिटी के सीईओ ध्रुव गलगोटियास समेत 17 उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुख और अन्य अधिकारी मौजूद थे।