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उत्तर प्रदेश

यज्ञोपवीत माता, पिता व गुरु ऋण से उऋण होने का संदेश देता है-आचार्य महेन्द्र भाई

Tripada Dwivedi
25 Aug 2024 3:24 PM IST
यज्ञोपवीत माता, पिता व गुरु ऋण से उऋण होने का संदेश देता है-आचार्य महेन्द्र भाई
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गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद एवं आर्य समाज एटीएस एडवांटेज इंदिरापुरम के संयुक्त तत्वावधान में आज एटीएस मन्दिर गेट नम्बर 5 में श्रावणी पर्व के उपलक्ष्य में यज्ञोपवीत संस्कार समारोह का आयोजन किया गया। 101 श्रद्धालुओं ने दुर्व्यसन त्यागने की प्रतिज्ञा ली और संकल्प लिया कि माता पिता गुरु जनों का सम्मान करेंगे।यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य महेन्द्र भाई ने यज्ञ करवाया और यज्ञोपवीत धारण करवाया आज के मुख्य यज्ञमान श्री राकेश वर्मा एवं श्रीमती सविता वर्मा रहे।मुख्य यज्ञमान का संयोग से आज जन्म दिवस था,जिसकी बधाई आचार्य महेंद्र भाई ने दी।उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि यज्ञोपवीत हमारी पुरातन आर्य संस्कृति का प्रतीक हैं इसकी रक्षा के लिए वीर हकीकत राय ने अपना बलिदान दे दिया था परन्तु हिन्दू धर्म नहीं छोड़ा।यज्ञोपवीत के तीन तार माता, पिता व गुरु जनों के ऋण को स्मरण कराते रहते हैं हमे इनके उपकारों को याद रखते हुए एक आदर व सम्मान करना चाहिए।आज देश मे बढ़ते वृद्ध आश्रम चिन्ता का प्रश्न है यह नयी युवा पीढ़ी में घटते संस्कारों के कारण हो रहा है। हमें संस्कारवान और संस्कारित युवा पीढ़ी का निर्माण करना है।

मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध समाजसेवी श्री विनोद त्यागी ने कहा व्यक्ति का निज जीवन समाज के लिए आदर्श होना चाहिए आपके जीवन को देखकर ही व्यक्ति आप के अनुगामी बनेंगे उपनयन का अर्थ है समीपता को प्राप्त करना आचार्य की सामिप्यता को प्राप्त करके बालक अपने जीवन को समुन्नत करता है।शिक्षा व्यक्ति को काम करने में समर्थ बनाती है। उपनयन संस्कार मानव निर्माण की आधार शिला है।यज्ञोपवीत के तीन धागे स्व जीवन को समुन्नत बनाना तथा राष्ट्र के लिए भावी संतति को समुन्नत बनाकर देने के व्रत के प्रतीक हैं। प्रत्येक भारतीय का यह संस्कार होना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि प्रवीण आर्य (प्रांतीय अध्यक्ष केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उ प्र) ने कहा कि हिंदू समाज संगठित हो तभी समाज सुरक्षित रह सकता है। चरित्रवान युवा ही राष्ट्र विरोधी ताकतों का मुकाबला कर सकते हैं क्योंकि चारित्रिक बल ही सबसे बड़ा बल होता है।युवकों को जीवन में समयबद्धता,अनुशासन माता पिता के आज्ञाकारी, आत्मविश्वास, संकल्पवान और देशभक्त होना चाहिए।ऐसे देशभक्त युवकों का परिषद निर्माण करती है।चरित्र निर्माण राष्ट्र की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

जिलाध्यक्ष यज्ञवीर चौहान ने कहा कि आर्य समाज बच्चों को चरित्र वान व धार्मिक,देश भक्त बनाने का कार्य करता है।

समारोह में आर्य युवाओं का व्यायाम प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र रहे।

समारोह का कुशल संचालन श्री देवेन्द्र गुप्ता ने किया।उन्होंने समारोह में दूर दूर से पधारे श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।

प्रमुख रूप से सर्वश्री सौरभ गुप्ता,दिग्विजय सिंह,ममता चौहान,विनीत भगत,त्रिलोक शास्त्री,योगेश गुप्ता,विजय छाबड़ा,प्रदीप त्यागी,राज कुमार, विजय भारती,परवेश त्रेहन, अभिषेक गुप्ता,डॉ शिप्रा गुप्ता, अनन्त गुप्ता,राजकुमार गुप्ता, योगेश गुप्ता, सक्षम विज,राज सिंह,श्रीमती सत्या चोपड़ा, स्नेहा अरोड़ा,रेखा गुप्ता,देवव्रत चौहान आदि उपस्थित थे। शांतिपाठ एवं अल्पाहार वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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