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मोहन नगर जोन में 330 करोड़ रुपये की परियोजना में काम के नियमों को ताक पर रखा जा रहा, एक लाख से ज्यादा लोग परेशान
- 145 किलोमीटर की बिछाई जाएगी सीवर लाइन
- 40 किलोमीटर सड़क को छोड़ दिया गया तोड़कर
- 20 हजार वर्ग मीटर भूमि मे बनाया जा रहा एसटीपी
गाजियाबाद। मोहन नगर जोन में 330 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत होने वाले काम के नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। नियम के तहत सीवर लाइन बिछाने के बाद सड़कों को बनाना था लेकिन 40 किलोमीटर सड़कें तोड़कर छोड़ दिया गया है। एक लाख से ज्यादा लोग परेशान हैं। जोन में 145 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जानी है।
करहैड़ा के घरों का पानी हरनंदी नदी में गिरता है। ऐसे में हरनंदी प्रदूषित हो रही है। यहां सीवर लाइन नहीं है। जल निगम द्वारा 330 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत सीवर लाइन बिछाने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और सड़कों का पुनर्निर्माण किया जाना है। इस परियोजना का एक अप्रैल 2024 को काम शुरू हुआ था। जून 2026 तक इसका काम खत्म करना है। हालांकि जल निगम ने दिसंबर 2025 तक काम पूरा करने दावा किया है। करहैड़ा में 20 हजार वर्ग मीटर भूमि एसटीपी बनाया जा रहा है। जिसका 14 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। मोहन नगर जोन में सीवर लाइन बिछाई जा रही है। 145 किलोमीटर में से 40 किलोमीटर लाइन बिछाई जा चुकी है लेकिन यहां सड़क नहीं बनाई गई है। सड़कों को खोदकर छोड़ दिया है। एक लाख से ज्यादा लोगों को घर आने-जाने में परेशानी का सामना कर रहे हैं। वर्षा होने पर समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। लोग सड़क बनाने की मांग कर हैं। ऐसे जल निगम द्वारा वर्षा होने का बहाना बनाया जा रहा है। जबकि यह काम वर्षा शुरू होने से पहले से चल रहा है।
जोड़े जाएंगे 68 हजार घर :
मोहन नगर जोन के 68 हजार घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। एसटीपी सहित मैन पंपिंग स्टेशन (एमपीएस) और पांच इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन (आइपीएस) बनाए जाएंगे। इससे हरनंदी को साफ करने में मदद मिलेगी। हरनंदी में नाले का पानी नहीं गिरेगा।
सड़कों को तोड़कर छोड़ दिया है। जबकि जल निगम ने दावा किया था कि लाइन बिछाने के तुरंत बाद ही सड़क बना दी जाएगी। हम परेशान हैं।
- अश्विनी कुमार सिंह, स्थानीय निवासी
चार माह पहले सड़क तोड़ी गई थी। 40 किलोमीटर सड़क तोड़कर छोड़ दी है। जबकि जल निगम को सड़क बनाने का बजट मिल चुका है।
- जयप्रकाश शर्मा, स्थानीय निवासी
330 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत सीवर लाइन बिछाने के बाद सड़क भी बनाई जानी है। वर्षा बंद होने के बाद 40 किलोमीटर टूटी सड़कों के पुनर्निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा।
अरुण प्रताप सिंह, अधिशासी अभियंता, जल निगम