- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- मैनपुरी में मुलायम का...
मैनपुरी में मुलायम का वर्चस्व तोड़ पाएगी बीजेपी, डिंपल के सामने किसे उतारने की तैयारी ?
उत्तर प्रदेश की हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीट मैनपुरी में जीत के लिए भाजपा इस बार किसे चुनाव मैदान में ला रही है, ये सवाल हर किसी की जुबान पर है। यहां हुए उपचुनाव में भाजपा ने रघुराज शाक्य पर दांव खेला था, लेकिन मुलायम के वर्चस्व को बीजेपी प्रत्याशी नहीं तोड़ पाए। इस बार बीजेपी किसी मजबूत प्रत्याशी की तलाश में है।
लोकसभा चुनाव में मैनपुरी सीट अपने आप में अहम है। सपा इस पर अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए मैदान में है। वहीं भाजपा दशकों से चल आ रही हार को इस बार जीत का हार बनाने की कोशिश में है। लेकिन सपा ने डिंपल यादव को मैदान में उतारकर अपनी कमान साध ली है। वहीं भाजपा का तीर अब भी तरकश में ही है। ये इंतजार क्या गुल खिलाएगा ये तो प्रत्याशी आने के बाद ही पता चलेगा।
सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने हमेशा मैनपुरी को अपनी कर्मभूमि बताते हुए लोगों के दिलों से जुड़ने की कोशिश की। इसी का नतीजा रहा कि सपा के गठन के बाद यहां भाजपा, बसपा और कांग्रेस को वनवास ही मिला। मुलायम सिंह यादव के सामने तो भाजपा ने ये सीट जीतने की उम्मीद है जैसे छोड़ दी थी, लेकिन अब उनके बाद ये सीट भाजपा के लिए भी चुनौती बन गई है। दशकों के वनवास को भाजपा इस बार हर हाल में तोड़ना चाहती है। कमल खिलाने की चाहत रखने वाली भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
लेकिन लोकसभा चुनाव की इस दौड़ में मैनपुरी सीट पर भाजपा की चाल थोड़ी धीमा है। दरअसल सपा ने 30 जनवरी को ही डिंपल यादव को मैनपुरी से प्रत्याशी घोषित कर दिया था। लेकिन भाजपा एक माह बाद भी इसमें पीछे है। कहने को तो भाजपा मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी लाने की बात कह रही है, लेकिन हो रही देरी जीत के लिए सही नहीं कही जा सकती।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जितनी जल्दी प्रत्याशी मैदान में होगा, उसे जनसंपर्क और लोगों के बीच जाने के लिए उतना ही अधिक समय मिलेगा। वहीं भाजपा प्रत्याशी के नाम पर कमल को आगे करने की बात कहती है। ये चुनाव कमल के निशान पर होगा या प्रत्याशी के चेहरे पर ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में इस बार जोश नजर आ रहा है।
ब्रह्मास्त्र की तलाश में है भाजपा
विश्व की सबसे बड़ी राजनीति पार्टी बन चुकी भाजपा के तरकश में तीरों की कमी नहीं है। लेकिन पार्टी मैनपुरी लोकसभा सीट पर केवल ब्रह्मास्त्र ही चलाना चाहती है। यही कारण है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने से लेकर बड़े से बड़े नेताओं से भी जीत का गणित समझ रही है। ये काम पूरा होने के बाद ही भाजपा प्रत्याशी उतारेगी।
हराने के लिए प्रत्याशी उतारेगी भाजपा
सपा के जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य ने बताया कि जीत तो समाजवादी पार्टी की ही होगी, ये बात भाजपा भी अच्छी तरह से जानती है। इसलिए भाजपा जीतने के लिए प्रत्याशी नहीं बल्कि हारने के लिए प्रत्याशी तलाश रही है। आखिर कौन मैनपुरी में चुनाव लड़कर हारेगा।
इतिहास टूटने के लिए ही बनता है
भाजपा जिलाध्यक्ष राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि कोई भी इतिहास टूटने के लिए ही बनता है। जनता अब भाजपा को जिताने का मन बना चुका है। मैनपुरी में कमल खिलने जा रहा है। जहां तक प्रत्याशी की बात है तो जल्द ही प्रत्याशी भी सबके सामने होगा।