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जहां पड़ी थी नींव वहां क्यों ठंडी पड़ गई आम आदमी पार्टी?
नेहा सिंह तोमर
पिछले कई दिनों में कई प्रमुख पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी
गाजियाबाद। जिस गाजियाबाद में आम आदमी पार्टी की नींव पड़ी थी वहीं अब पार्टी अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। हाल के दिनों में पार्टी के कई बड़े नेताओं ने पार्टी को बाय-बाय कर दिया। जिस पार्टी को लोगों की समस्याओं को लेकर आंदोलन के लिए जाना जाता था, शीर्ष नेतृत्व की उपेक्षा और उदासीनता के कारण वह पार्टी अब गाजियाबाद से पिछड़ गई है। पार्टी को गाजियाबाद में खड़ा करने वाले व्यापार प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष पंकज शर्मा ने गुटबाजी और जनता से जुड़ी समस्या में मुद्दों पर आंखें मूंद रखने के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसी तरह अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष वसीम इलाही ने भी पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने भी पार्टी को बाय-बाय कर दिया।
वहीं जानकारी के अनुसार गाजियाबाद प्रभारी और दिल्ली के पूर्व विधायक नितिन त्यागी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। स्वाति मालीवाल मामले में उनके बयान के बाद पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। वहीं पार्टी के जिला अध्यक्ष सचिन शर्मा पार्टी के कार्यक्रम व गतिविधियों से दूरी बनाए हुए हैं। जानकारी के अनुसार जिला अध्यक्ष सचिन शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे रखा है। लेकिन पार्टी ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है। यही कारण है कि सचिन शर्मा गाजियाबाद में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वे लोनी में रहते हैं और लोनी में ही उनका कार्यालय है, ऐसे में गाजियाबाद में होने वाले कार्यक्रम या विरोध प्रदर्शन में भी शामिल होने से बचते हैं।
एक समय था जब जनता की छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर भी पार्टी विरोध प्रदर्शन कर अपनी मौजूदगी दर्ज करती थी ,लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद से ही गाजियाबाद में पार्टी ठंडी पड़ गई है। विधानसभा चुनाव में साहिबाबाद सीट से छवि यादव को मैदान में उतारा गया था। छवि यादव व्यापार प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष थीं। उनके नेतृत्व व्यापार प्रकोष्ठ के तत्कालीन जिला अध्यक्ष पंकज शर्मा ने बड़ी संख्या में व्यापारियों को पार्टी के साथ जोड़ा था। पार्टी की ओर से आयोजित कई विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में व्यापारी शामिल हुए थे। घंटा घर में किए गए प्रदर्शन को आज भी कार्यकर्ता याद करते हैं, लेकिन जब से छवि यादव को हाशिए में किया गया तब से पार्टी की गतिविधियों में एक ठहराव सा आ गया है। रही सही कसर पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह के जेल में जाने के बाद पूरी हो गई। संजय सिंह के जेल जाने के बाद पार्टी की ओर से इस पर सिर्फ खाना पूर्ति के लिए विरोध किया गया। जिला मुख्यालय में हुए विरोध प्रदर्शन में दर्जन भर कार्य करता ही शामिल हुए। गाजियाबाद में ही आम आदमी पार्टी की नींव पड़ी थी। कौशांबी में अरविंद केजरीवाल के ऑफिस में ही इंडिया अगेंस्ट करप्शन के तहत जन लोकपाल बिल की मांग को लेकर बैठक होती थी। तब भारत की राजनीति में आम आदमी पार्टी का उदय हो रहा था। पूरे देश की मीडिया कौशांबी में ही डटी रहती थी। लेकिन आज वही गाजियाबाद में आम आदमी पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।