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उत्तर प्रदेश

कौन हैं दुर्विजय सिंह शाक्य, जिन्हें बदायूं से भाजपा ने बनाया प्रत्याशी; संघमित्रा का क्यों कटा टिकट

SaumyaV
26 March 2024 12:15 PM IST
कौन हैं दुर्विजय सिंह शाक्य, जिन्हें बदायूं से भाजपा ने बनाया प्रत्याशी; संघमित्रा का क्यों कटा टिकट
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भाजपा ने बदायूं लोकसभा सीट पर ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को चुनाव मैदान में उतारा है। मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट कट गया है। लोगों में चर्चा है कि उनको पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाजी का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

बदायूं संसदीय क्षेत्र से सांसद संघमित्रा मौर्य को पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाजी भारी पड़ी। भाजपा ने संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर बदायूं से ब्रज प्रांत के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया है। दुर्विजय सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक से जुड़े हैं। संगठन में मजबूत पकड़ ने बदायूं में उनके लिए सियासी जमीन तैयार की। वहीं संघमित्रा मौर्य का टिकट कटने पर चर्चा है कि उनको पिता की बयानबाजी का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

डॉ. संघमित्रा प्रतापगढ़ जनपद की मूल निवासी हैं। वह एटा में वर्ष 2010 में जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से प्रत्याशी के रूप में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। 2019 में भाजपा ने उनको बदायूं से टिकट दिया। बदायूं सीट पर वर्ष 1996 से सपा का कब्जा चला आ रहा था। इस चुनाव में वह जीतीं और सपा का मिथक टूटा था। उधर, पिता ने सपा का दामन थामकर हिंदू समाज के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। टिकट कटने पर संघमित्रा मौर्य ने कहा कि पार्टी का फैसला उन्हें मंजूर है।

कौन हैं दुर्विजय सिंह शाक्य

बदायूं से भाजपा प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य का जन्म 12 फरवरी 1977 को जिले के ब्लॉक समरेर के गांव ब्राह्मपुर में वैध रामलाल शाक्य के परिवार में हुआ था। वे पांच भाई और तीन बहन हैं। भाइयों में वे सबसे छोटे हैं। शाक्य सन 1994 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने। उन्होंने सन 1995 में विद्यार्थी जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर राजनीति और सामाजिक जीवन की शुरुआत की। वे सन 1995 में सबसे पहले बरेली कॉलेज इकाई के सहमंत्री बने। सन 1997 में बरेली में विद्यार्थी परिषद में महानगर महामंत्री, महानगर उपाध्यक्ष, विभाग संयोजक और प्रदेश सह मंत्री भी रहे।

सन 2007 में उसहैत विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए कहा और वह तैयारी के लिए क्षेत्र में आए। उसके बाद उसहैत विधानसभा सीट गठबंधन में चले जाने के कारण चुनाव नहीं लड़े। सन 2007 में भाजपा युवा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष बने। उन्होंने हजारों यूथ कार्यकर्ताओं को भाजपा युवा मोर्चा से जोड़कर सशक्त टीम तैयार की। सन 2012 में प्रदेश सह संयोजक पिछड़ा प्रकोष्ठ भाजपा बने। सन 2014 में पांचाल क्षेत्र के उपाध्यक्ष बने। सन 2016 में ब्रज क्षेत्र के महामंत्री और सन 2020 उपाध्यक्ष बने। इसके बाद मार्च 2023 से भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे हैं।

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