- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- इस मंदिर में पूजा करती...
इस मंदिर में पूजा करती थी वीरांगना लक्ष्मी बाई ,आज भी लगता भक्तो का मेला
झांसी -आज सावन का पहला सोमवार है और सुबह से ही शिव मंदिरों में शिव भक्तों का ताता लगना शुरू हो गया है और झाँसी के शिव मंदिरों में सुबह से ही हर हर महादेव के स्वर से मंदिर गूंज मान हो गए है और महिलाएं व पुरुष सुबह से ही शिव भक्ति में लीन हो गयी है,
झाँसी शहर के पानी वाली धर्मशाला के विशाल शिवालय में विराजमान हजारिया महादेव सभी भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। मंदिर को लेकर कई मान्यताएं भी हैं। इनमें शिव पुराण में वर्णित भगवान शिव के नामों का जाप करने से स्वास्थ्य, सुख समृद्धि की प्राप्ति होना भी है।
एक बार की बात है जब बुंदेलखंड सूखे की मार झेल रहा था तब यहां के निवासियों ने पूरे मंदिर में पानी भर रहे थे तभी एक सांप अचानक आया और शिवलिंग पर बैठ गया और पानी से बहुत प्रयास पर शिवलिंग नही डूबी और फिर बारिश शुरू हो गयी
पानी वाली धर्मशाला मंदिर (हाजरियां महादेव मंदिर)चंदेल काल के दौरान बना था। मान्यता है, कि हजारिया महादेव मंदिर का निर्माण 17 वीं सदी में गोसाईं साधुओं द्वारा करवाया गया था।
और भक्तों का मानना है कि हाजरियां महादेव में एक ही शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग के दर्शन होते है और सच्चे मन से दर्शन करने पर पुण्य लाभ प्राप्त होता है
पवित्र सावन के महीने में हजारों श्रद्धालु भगवान हजारिया महादेव के दर्शन को उमड़ते हैं। त्योहार पर ब्रह्म मुहुर्त से अभिषेक शुरू हो जाता है।
मानता के अनुसार ये भी कहा जाता है कि झाँसी रानी लक्ष्मीबाई यहां प्रतिदिन शिव भगवान की पूजा अर्चना करने आती थी,
सावन सोमवार व्रत का सर्वाधिक महत्व बताया जाता है। दरअसल श्रावस मास भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। इस माह में सोमवार का व्रत और सावन स्नान की परंपरा है। श्रावण मास में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना अति फलदायी माना गया है।
शिव पुराण के अनुसार जो कोई व्यक्ति इस माह में सोमवार का व्रत करता है भगवान शिव उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं और कुँवारी लड़कियों को मनचाहा वर पति मिलता है