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यूपी पॉलिटिक्स: पूर्वांचल में लोकसभा की जंग शुरू, PDA और I.N.D.I.A. घोसी सीट पर होगा लिटमस टेस्ट
लोकसभा चुनाव में अभी वक्त है, लेकिन इसके लिए जमीन तैयार होनी शुरू हो गई है. दुदुंभी जब बजेगी तब बजेगी, लेकिन पूरब की सड़कें और गलियां बम-बम तैयारियों का हाल बयां कर रही हैं। बैठकों से लेकर आदि-चौपालों की चर्चाओं में बतकुचनी भी पत्ते खोल रही हैं।
दल और हृदय परिवर्तन का दौर तेज हो गया है. विधानसभा चुनाव में साइकिल से दो-दो हाथ करने वाली छड़ी अब कमल के साथ खड़ी है। पिछले चुनाव में अपने पैरों से फिसली पूर्वांचल की तीन सीटों को जीतने के लिए बीजेपी एक साल से कोशिश कर रही है और जोर-आजमाइश करती नजर आ रही है. अब कांग्रेस ने भी प्रदेश की कमान पूर्वाचल के कद्दावर नेता अजय राय को सौंपकर रेस में बने रहने का संकेत दे दिया है.
पूर्वांचल में पीडीए और भारत की अग्निपरीक्षा
घोसी विधानसभा उपचुनाव को जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) फॉर्मूले के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा है, वहीं भारत के लिए भी यह पूर्वांचल में पहली परीक्षा होगी.
सपा यह चुनाव किसी भी कीमत पर हारना नहीं चाहती। उन्होंने यहां दो बार विधायक रह चुके सुधाकर सिंह पर दांव लगाया है. पार्टी ने सपा छोड़कर बीजेपी में घर लौटे दारा सिंह चौहान को टिकट दिया है.
2017 में बीजेपी से मधुबन विधानसभा सीट जीतने वाले दारा सिंह 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले एसपी में शामिल हो गए. उन्होंने मधुबन के बजाय घोसी से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। साल 1996 में सुधाकर सिंह नाथूपुर से चुनाव जीते. बाद में नाथूपुर विधानसभा सीट ही घोसी बन गयी. वर्ष 2012 में उन्होंने सुधाकर घोसी से दोबारा जीत हासिल की।