- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- दर्दनाक: ट्रैफिक...
दर्दनाक: ट्रैफिक सिग्नल के जाम में फंसी एम्बुलेंस, राहगीरों ने भी नहीं दिया रास्ता, घायल की तड़पकर मौत
कानपुर में टाटमिल चौराहे पर रविवार को ट्रैफिक सिग्नल के जाम में एम्बुलेंस फंस जाने से हादसे में घायल युवक की तड़पकर मौत हो गई। एम्बुलेंस का सायरन बजने के बावजूद न तो राहगीरों ने रास्ता दिया और न ही चौराहे पर खड़े ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने तेजी दिखाई। रेड सिग्नल के बीच वाहनों की लंबी कतार के पीछे फंसी एम्बुलेंस 10 मिनट तक चौराहे पर ही फंसी रही और घायल ने दम तोड़ दिया।
फतेहपुर के रनुआ गांव निवासी गौरी शंकर विश्वकर्मा (40) अपनी पत्नी सुलेखा, बेटी अंशिका (8), बेटे अनुराग के साथ नौबस्ता में किराये के मकान में रहते हैं। वह सुबह करीब 10 बजे बेटी अंशिका के साथ बाइक से पितृपक्ष में गांव में पूर्वजों का श्राद्ध करने जा रहे थे। महाराजपुर के नर्वल मोड़ के पास तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी।
सड़क पर गिरे गौरी शंकर के पैरों के ऊपर से ट्रक का पहिया गुजर जाने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए। कांशीराम अस्पताल से दोनों को हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। दोनों को एम्बुलेंस से ले जाया जा रहा था। टाटमिल चौराहे पर सिग्नल न मिलने के कारण वाहनों की लंबी कतार में एम्बुलेंस फंस गई। करीब 10 मिनट बाद एम्बुलेंस चौराहे को पार कर सकी।
हेलमेट भी चकनाचूर हो गया था
हैलट अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने गौरी शंकर को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने अंशिका का इलाज शुरू किया। परिजनों के अनुसार यदि एम्बुलेंस चौराहे पर न फंसती, तो समय रहते डॉक्टर उनकी जान बचा सकते थे। महाराजपुर थाना प्रभारी अभिषेक शुक्ला ने बताया कि ट्रक और चालक को पकड़कर कार्रवाई की जा रही है। हादसे में गौरी शंकर का हेलमेट भी चकनाचूर हो गया था।
चौराहे पर मैनुअली होता ट्रैफिक का संचालन
टाटमिल चौराहे पर वाहनों अक्सर अधिक लोड रहता है। इसलिए यहां ट्रैफिक पुलिस मैनुअली ट्रैफिक सिग्नल का संचालन वाहनों के लोड के हिसाब से करती है। यहां ट्रैफिक सिग्नल रेड होने के बाद चंद सेकेंड में वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।
पुलिस ने भी इमरजेंसी में एम्बुलेंस को निकवालने में मदद नहीं की
सिग्नल ग्रीन होने के बाद सबसे पीछे कतार में फंसे वाहन को दो बार सिग्नल रेड होने के बाद चौराहा पार करने को मिल पाता है। इस दौरान वाहन को करीब सात से आठ मिनट का समय लग जाता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कैंट की तरफ से आई एम्बुलेंस रेड सिग्नल पर रुके वाहनों के पीछे खड़ी थी। उसे आगे निकलने का रास्ता नहीं मिल सका। ट्रैफिक पुलिस ने भी इमरजेंसी में एम्बुलेंस को निकवालने में मदद नहीं की।
एम्बुलेंस को हर हाल में प्राथमिकता देते हुए पास कराने के निर्देश हैं। ट्रैफिक कर्मी एम्बुलेंस व दमकल की गाड़ियों को प्राथमिकता के साथ निकलवाते हैं। अगर जांच में टाटमिल पर एम्बुलेंस जाम में फंसी और ट्रैफिक कर्मियों की चूक पाई गई, तो ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। -धनंजय सिंह, एसीपी ट्रैफिक