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Train Accident: नई दिल्ली-दरभंगा ट्रेन में लगी आग, कारण जानने आईं तीन टीमों ने घटनास्थल और कोच के हाल देखे
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में नौ घंटे के अंदर दो ट्रेन हादसों ने रेलवे प्रशासन के होश उड़ा दिए हैं। गुरुवार सुबह से ही इंटेलीजेंस, प्रयागराज मंडल कार्यालय और बिहार के दरभंगा की रेलवे टीमों ने डेरा डाल दिया। टीम ने घटनास्थल का जायजा लेने के साथ ही जंक्शन स्टेशन पर खड़े कराए गए वैशाली और क्लोन एक्सप्रेस के जले कोचों को भी देखकर हादसों का कारण जानने का प्रयास किया।
गुरुवार सुबह लगभग साढ़े 11 बजे दरभंगा रेलवे की टीम पहुंची। फोरेंसिक टीम के साक्ष्य न जुटाए जाने की वजह से निगरानी के लिए तैनात आरपीएफ के जवानों ने टीम को कोच के अंदर नहीं जाने दिया। टीम के सदस्यों ने नई दिल्ली से दरभंगा जा रही क्लोन एक्सप्रेस के जले चारों कोचों के पहियों, कोच के अंदर की स्थितियों को बाहर से ही देखा। उन्होंने कोच की हालत के वीडियो और फुटेज भी बनाए।
इसके बाद आरपीएफ टूंडला की इंटेलीजेंस की टीम पहुंची। टीम के इंस्पेक्टर ज्ञानचंद्र, एसआई विनोद गौतम, हेड कांस्टेबल नरेंद्र पाल की टीम ने टीम ने सराय भूपत में घटनास्थल की स्थितियों का जायजा लिया। हादसास्थल से साक्ष्य जुटाए। साथ ही जंक्शन स्टेशन पर खड़े कोचों की स्थितियां देखकर भी रिपोर्ट तैयार की। उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी।
इसके बाद करीब 12 बजे जंक्शन स्टेशन की लूप लाइन पर कोचों का हाल देखने के लिए प्रयागराज की संयुक्त टीम पहुंची। इसमें सीईईएसई एसके बंसल, सीआरएसई सूरज कुमार, आरपीएफ डीआईजी सुरेश सिंह, एसई टूंडला एमएस शिखावत शामिल रहे। सभी दोनों ट्रेनों के कोचों की स्थितियां देखीं।
प्रथम दृष्टया समझा कि किन तकनीकी कारणों से हादसा हुआ। हालांकि अधिकारियों का कहना था कि फोरेंसिक टीम की ओर से साक्ष्य न जुटाए जाने की वजह से अभी अंदर नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में फौरी तौर पर स्थितियों को समझा है। अभी कारण क्लोन एक्सप्रेस के हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
कूड़ेदान अंदर से जला, बाहर तक कम आई आग
प्रयागराज से आई संयुक्त टीम ने वैशाली एक्सप्रेस के कोच को गहनता से देखा। स्थानीय अधिकारियों की ओर से रात में खींचे गए फोटो से भी स्थितियां समझीं। आग चूंकि शौचालय के पास गेट वाले हिस्से से ही धधकी थी। ऐसे में अधिकारियों ने वॉशबेसिन के पास लगा लगे कूड़ेदान की स्थिति को देखा। इसमें कूड़ेदान अंदर से ज्यादा जला दिखा, जबकि बाहरी हिस्से में कम जला था।
अधिकारियों की ओर प्रथमदृष्टया यह अंदाजा लगाया गया कि किसी यात्री के कूड़ेदान में ज्वलनशील पदार्थ, जलती माचिस की तीली, सुलगती बीड़ी और सिगरेट डालने की वजह से आग धधकी है। अधिकारियों की ओर से यह भी सवाल उठते रहे कि आग धीरे-धीरे सुलगी होगी, ऐसे में यात्रियों को दुर्गंध क्यों महसूस नहीं हुई। हालांकि अधिकारियों का कहना था कि फोरेंसिक टीम की जांच के बाद ही असल कारण पता चल सकेगा। जांच अभी जारी है। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी।
रेलवे को पांच करोड़ का नुकसान
इटावा। दोनों रेल हादसों से रेलवे को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। प्रयागराज से आई टीम के सामने कोचों की स्थितियों के अनुसार उन्हें उपयोग करने के बारे में भी जानकारी की गई। इस पर टीम ने दो कोचों को लगभग अनुपयोगी बताया। ऐसे में एक अधिकारी की ओर से बताया गया कि इससे लगभग रेलवे को करीब पांच करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
हादसा भ्रष्टाचार का गंभीर मामला : अखिलेश
नई दिल्ली-दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस में हुए हादसे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर (पूर्व में ट्विटर) हादसे को भ्रष्टाचार का गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा कि हादसे का कारण गैस सिलिंडर बताया जा रहा है। गैस सिलिंडर की अनाधिकृत अनुमति भी भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला है, जिससे यात्रियों की जान जोखिम में पड़ सकती है। इस मामले की तत्काल जांच हो और दोषियों को दंडित किया जाए।
वैशाली एक्सप्रेस की घटना ने किया ट्रेंड
गुरुवार सुबह वैशाली एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में आग लगने के बाद सोशल मीडिया के एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दोपहर तक 10 नंबर पर वैशाली एक्सप्रेस ट्रेंड करता रहा। दोपहर 1:37 तक इसके संबंध में 3365 ट्वीट किए जा चुके थे।