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उत्तर प्रदेश

तोगड़िया की संघ परिवार और पीएम मोदी से दूरियां अब होंगी खत्म, रामलला बनेंगे माध्यम; गहरी दोस्ती...

Sanjiv Kumar
14 Jan 2024 7:26 AM GMT
तोगड़िया की संघ परिवार और पीएम मोदी से दूरियां अब होंगी खत्म, रामलला बनेंगे माध्यम; गहरी दोस्ती...
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विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया की संघ परिवार और पीएम मोदी से बनी दूरियां खत्म होने का माध्यम रामलला बनेंगे। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बुलावे पर तोगड़िया 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। राम मंदिर में तिलक लगाकर कारसेवकों का सम्मान होगा।

देश के शीर्ष हिंदू नेता व विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया की संघ परिवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बनी दूरियां अब खत्म होंगी। इसका माध्यम रामलला बनेंगे। पिछले छह वर्षों से अलग राह पर चल रहे तोगड़िया रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बुलावे पर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे।

इसके पहले वह रामलला धन्यवाद यात्रा निकालेंगे। साथ ही राम मंदिर में जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े कारसेवकों का तिलक लगाकर सम्मान भी करेंगे। मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. तोगड़िया ने अमर उजाला से खास बातचीत में पहली बार यह खुलासा किया।

उन्होंने बताया कि नए और भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर वह 15 जनवरी को गोरखपुर से रामलला धन्यवाद यात्रा निकालेंगे। गोरखपुर से शुरू होकर यह यात्रा कुशीनगर, वाराणसी, जौनपुर और प्रयागराज समेत कई शहरों से होते हुए 21 जनवरी की शाम अयोध्या पहुंचेगी।

इस दौरान यात्रा जिन शहरों से गुजरेगी, वहां धन्यवाद सभाओं का आयोजन होगा। साथ ही वहां रहने वाले राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं और कारसेवकों से भी मिलेंगे। इन्हें 24 जनवरी को अयोध्या आकर रामलला के धन्यवाद दर्शन करने का निमंत्रण दिया जाएगा।

विहिप के पूर्व सुप्रीमो ने बताया कि 22 जनवरी को सुरक्षा कारणों से मर्यादित संख्या में रामभक्तों व कारसेवकों को आमंत्रित किया गया है। जबकि जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के संघर्ष और राम मंदिर निर्माण यात्रा में देशभर के अनगिनत कारसेवकों व रामभक्तों ने योगदान दिया है। व्यवस्थागत मजबूरियों के चलते ट्रस्ट इन सभी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं बुला सकता था।

इसीलिए श्रीराम के लिए लाठी-गोली खाने वाले कारसेवकों को वह 24 जनवरी को अयोध्या बुला रहे हैं। इन सभी के शौर्य का राम मंदिर के द्वार पर तिलक लगाकर सम्मान करेंगे। फिर इनके साथ दोबारा रामलला के धन्यवाद दर्शन करेंगे। प्रभु श्रीराम ने इस जीवन में मंदिर निर्माण के संघर्ष के माध्यम से धर्म का काम करने का मौका दिया, इसीलिए उनको धन्यवाद अर्पित करना जरूरी हो जाता है।

एक नजर तोगड़िया के जीवन के सफर पर

मौजूदा समय में कैंसर सर्जन डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया देश के शीर्ष हिंदू नेता हैं। वह सिर्फ 10 वर्ष की आयु में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए। वर्ष 1979 में संघ के स्वयंसेवकों के मुख्य मार्गदर्शक बने। आरएसएस में वह मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोगी भी रहे। एक समय ऐसा था जब दोनों गहरे दोस्त हुआ करते थे।

1983 में तोगड़िया विश्व हिंदू परिषद से जुड़े। 2003 में जब अशोक सिंहल ने रिटायरमेंट की घोषणा की तो विहिप का नेतृत्व संभाला। अधिकृत तौर पर 2011 में विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बने। 2018 तक इस दायित्व को संभाला।

इनका त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम विवादों से घिरने के बाद बहुत चर्चा में आया था। जून वर्ष 2018 में विहिप से अलग हो गए और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद नामक अपना नया संगठन बनाया। इसी के साथ संघ परिवार और मोदी के आलोचक भी हो गए।

Sanjiv Kumar

Sanjiv Kumar

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