- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- बाप-बेटे में नहीं कोई...
बाप-बेटे में नहीं कोई खौफ, पूरे दिन आपस में लड़ाते रहते हैं गप; कानूनी दांवपेंच से अंजान पुत्र
कन्नौज के विशुनगढ़ में पुलिस की मुठभेड़ में गोली लगने से जख्मी हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ और उसके बेटे में कोई खौफ नहीं है। वो पूरे दिन अस्पताल में गुफ्तगू करते हैं। हालांकि अशोक का बेटा नाबालिग है। कानूनी दांवपेंच के मामले से अंजान है।
कन्नौज के विशुनगढ़ में पुलिस की मुठभेड़ में गोली लगने से जख्मी हिस्ट्रीशीटर और उसका नाबालिग पुत्र मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। दोनों पिता-पुत्र एक ही वार्ड में भर्ती हैं। उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस का सख्त पहरा है। ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों के मुताबिक दोनों पिता-पुत्र को इस बात का मलाल नहीं है कि उनके हाथों सिपाही की जान गई है।
वह दोनों पूरे दिन आपस में गप लड़ाते रहते हैं। मेडिकल कॉलेज से जुड़े लोगों के मुताबिक, हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ और नबालिग पुत्र आपस में भविष्य में होने वाली प्रक्रिया के बारे में चर्चा करते रहते है। हालांकि अशोक यादव पुलिस की होने वाली कार्रवाई को लेकर अंदर ही अंदर मंथन करता रहता है।
वह खाना खाने में भी परहेज करता नजर आ रहा है। वहीं उसका बेटा सामान्य तरीके से खानपान कर रहा है। मेडिकल कॉलेज में मौजूद मेस कर्मचारियों के अनुसार अशोक दो रोटी ही लेता है और बेटा चार से पांच रोटी लेता है। पुलिस की मुठभेड़ में बेटा टिंकू गंभीर रूप से घायल हो गया है।
कानूनी दांवपेंच से अंजान बेटा
अशोक का बेटा नाबालिग है। कानूनी दांवपेंच के मामले से अंजान है। घटना के बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में घायल दोनों बाप-बेटा एक ही वार्ड में रहकर चर्चा करते रहते हैं। बेटा पूरे दिन आगे होने वाली कानूनी कार्रवाई को लेकर पिता से चर्चा करता रहता है।
स्वस्थ्य होते ही होंगे डिस्चार्ज
हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव और उसका पुत्र स्वस्थ होने के बाद ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा। उसके बाद दोनों के खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही डिस्चार्ज किया जा सकेगा।
ऐसे हुआ था पूरा घटनाक्रम
गौरतलब है कि कन्नौज जिले में विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधरपुर नगरिया में सोमवार की शाम हुई हिस्ट्रीशीटर और पुलिस की मुठभेड़ ने की अशोक यादव उर्फ मुनुआ को भी पुलिस की दबिश की सटीक जानकारी थी। वह अपने पुत्र और पत्नी के साथ ही पुलिस से मोर्चा लेने के लिए असलहों के साथ तैयार बैठा था। घर के बाहर अलग-अलग दिशाओं में लगाए सीसीटीवी कैमरे की मदद से वह अंदर बैठक कर ही पुलिस पर निगाह लगाए था।
पुलिस ने जैसे ही दस्तक दी, उसने गोली बरसानी शुरू कर दी। उसी फायरिंग के दौरान लगी गोली ने सिपाही सचिन राठी की जान ले ली। पुलिस भले ही हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ को हल्के में लेकर पूरी तैयारी के साथ नहीं पहुंची, लेकिन खुद मुनुआ ने पुलिस की दबिश को हल्के में नहीं लिया। पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए उसने घर से भागने के बजाए पुलिस से मोर्चा लेने का मंसूबा बनाया। इसके लिए उसने घर में रखे अपने असलहों तमंचा, डबल बैरल बंदूक, रायफल के साथ डट गया।
वह घर बैठकर ही मकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस के आने की राह तकने लगा। फिर जैसे ही पुलिस ने उसके घर पर दस्तक दी, पहले तो उसने हवाई फायरिंग करके डराने की कोशिश की। पत्नी सीसीटीवी से पुलिस पर निगाह रखकर उनकी सूचना पति व बेटे को दो रही थी। दोनों पुलिस पर निशाना साध रहे थे। इसके बाद ताबड़तोड फायर झोंकने शुरू कर दिए। बाकी के लोग अशोक को पकड़ने के लिए मोर्चाबंदी करने में लग गए। बीच-बीच में अशोक पुलिस को छकाने के लिए फायरिंग करता रहा।
घर से बरामद हुआ असलहों का जखीरा
अंधेरा होने पर जैसे ही उसने भागने की कोशिश की, पुलिस की जवाबी गोली में वह और उसका पुत्र जख्मी हो गया। दोनों के गिरते ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। उन दोनों की मदद कर रही श्यामादेवी को भी दबोच लिया गया। हिस्ट्रीशीटर को दबोचने के बाद उसके घर की तलाशी के दौरान पुलिस को वहां से असलहों का जखीरा मिला। पांच तमंचे, एक डबल बैरल और एक रायफल भी बरामद हुई है।