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45 वर्षीया डॉ.अंशु से सीखे ज्यादा से ज्यादा वेस्ट को रीसायकल करने की कला
गाजियाबाद। गाजियाबाद में रहनेवाली डॉ.अंशु जैन बचपन से ही पर्यावरण के प्रति जागरूक और काफी रचनात्मक रही हैं। फिर चाहे पेड़-पौधे उगाना हो या किसी बेकार चीज़ को नया रूप देना हो। अपने जीवन में उन्होंने '3 R यानी रीसायकल, रीयूज़, रिड्यूज़ के फॉर्मूले को बखूबी इस्तेमाल किया है। वह पूरी कोशिश करती हैं कि उनके घर से कम से कम कचरा बाहर जाए। इसके लिए वह प्लास्टिक के कंटेनर्स से अलग-अलग किस्म के प्लांटर्स बनाती हैं और छोटे डिब्बों का इस्तेमाल, पेन स्टैंड या फिर किचन यूटिलिटी स्टैंड बनाने के लिए करती हैं।
बोतल के अलग-अलग साइज़ के ढक्कनों से उन्होंने खुबसूरत वॉल डेकॉर बनाया है। वहीं, ऑनलाइन शॉपिंग में आने वाले गत्तों से उन्होंने किचन व बच्चों के कमरे के लिए रैक बनाया है। वहीं, घर की दीवारों पर लगे ज्यादातर डेकॉर आइटम्स भी उन्होंने कुछ न कुछ रीसायकल करके ही तैयार किया है। फिर चाहे वह टीवी के पास रखा रिमोट स्टैंड हो या फिर मोबाइल फोन चार्जिंग स्टेशन।
अंशु, सारा वेस्ट जमा करती हैं और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करती हैं। वह कहती हैं, "मैं जब भी कोई प्लास्टिक की बोतल बाहर फेंकती हूँ, तो मुझे बड़ा अफसोस होता है। रीसायकल करके इन्हे इस्तेमाल में लाना, मेरे लिए काफी संतुष्टि भरा एहसास होता है। अक्सर मेरे घर के सदस्य भी मुझसे परेशान हो जाते हैं। लेकिन बाद मे वे भी वेस्ट से बनी चीजो की तारीफ किए बिना थकते नही है।45 वर्षीया अंशु, हायर सेकंडरी स्कूल में इंग्लिश पढ़ाती हैं और गार्डनिंग करने के साथ-साथ और भी कई तरह की क्रिएटिव चीजें बनाती रहती हैं।
छोटी से जगह में उगाएं 100 पौधे
अंशु को बचपन से ही पेड़-पौधों से भरा गार्डन बनाने का बड़ा शौक था। लेकिन बड़े शहर में पौधे लगाने के लिए जगह ही नहीं होती है। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी 10/4 फीट की बालकनी में एक सुन्दर वर्टिकल गार्डन तैयार किया है, जहां वह फूल और कुछ सजावटी पौधे उगाती हैं। फ़िलहाल उनके बालकनी गार्डन में तक़रीबन 100 पौधे लगे हैं। उन्होंने बताया कि उनके बालकनी गार्डन में 90 प्रतिशत पौधे बेकार डिब्बों में ही लगे हैं। उन्होंने घर के बेकार डिब्बों को सजाकर सुंदर रूप दिया और प्लांटर्स तैयार किए हैं। वह अपने गार्डन में कुछ मौसमी सब्जियां, जैसे- टमाटर, शिमला मिर्च, धनिया आदि भी उगाती हैं।
हाल ही में उन्होंने एक यूट्यूब चैनल भी शुरू किया है, जिसके ज़रिए वह लोगों को ज्यादा से ज्यादा वेस्ट को रीसायकल करने की सलाह देती हैं। उनके घर में आया हर एक मेहमान उनसे कुछ न कुछ सीखकर जाता है। इस तरह वह खुद तो प्लास्टिक और दूसरे वेस्ट को बाहर लैंडफिल में जाने से रोक ही रही हैं, साथ ही दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। आप अंशु के बारे ज्यादा जानने के लिए उनके यूट्यूब चैनल Multi Learning With Anshu को फॉलो कर सकते हैं और तरह तरह की सृजनात्मक चीजे बनाना सीख सकते हैं।