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पश्चिमी यूपी में शिक्षकों के नहीं होंगे तबादले, जानें क्यों?
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लखनऊ/ प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों को स्थानांतरण प्रक्रिया से अलग कर दिया है, विभाग का कहना है कि इन जिलों में कोई वैकेंसी नहीं है। रालोद के बुढ़ाना से विधायक और विधान मंडल दल के नेता राजपाल बालियान ने इस पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई नीति को वैध करार देते हुए कहा कि शिक्षक अधिकार स्वरूप तबादले की मांग नहीं कर सकते।
रालोद विधायक राजपाल बालियान ने मुख्यमंत्री को लिखी एक चिट्ठी में कहा है कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गौतम बुध नगर, हापुड, गाजियाबाद को इस प्रक्रिया से अलग कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग ने इन जनपदों में कोई वैकेंसी खाली नहीं दर्शाई है जबकि इन जनपदों के हजारों महिला पुरुष शिक्षक पिछले कई सालों से अपने घर के निकट आने की बाट देख रहे हैं लेकिन उनको घोर निराशा का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने लिखा है कि बहुत सारे लोगों के घरों में परेशानियां हैं ,उनके बूढ़े माता-पिता और उनके बच्चे और परिजन बीमारियों का सामना कर रहे हैं। रालोद विधायक ने इन जिलों में भी वैकेंसी निकालकर इन जनपदों के निवासी शिक्षक शिक्षिकाओं को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।
Trinath Mishra
Trinath Mishra is a senior journalist from Meerut and he has more than 11 years of Print and Digital Media Experience.