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उत्तर प्रदेश

Sunil Ojha Death: नहीं रहे पीएम मोदी के 'मिस्टर भरोसेमंद', 21 साल पुरानी ये तस्वीर बहुत कुछ कहती है

Abhay updhyay
29 Nov 2023 5:37 AM GMT
Sunil Ojha Death: नहीं रहे पीएम मोदी के मिस्टर भरोसेमंद, 21 साल पुरानी ये तस्वीर बहुत कुछ कहती है
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुनील ओझा का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया है। गड़ौली धाम में राम कथा के दौरान डेंगू होने से उन्हें वाराणसी के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत गंभीर होने पर उन्हें दिल्ली के हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन आज सुबह उनकी मौत हो गई।

सुनील ओझा मूल रूप से गुजरात के भावनगर जिले के रहने वाले थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे। सुनील ओझा भावनगर दक्षिण से बीजेपी के विधायक भी रह चुके थे। कुछ महीने पहले उनका उत्तर प्रदेश से बिहार ट्रांसफर हो गया था। बिहार ट्रांसफर से पहले सुनील ओझा यूपी के सह प्रभारी थे।

बता दें कि सुनील ओझा को पीएम मोदी का 'मिस्टर भरोसेमंद' कहा जाता था। इसकी शुरुआत 21 साल पहले राजकोट से हुई थी, जब पीएम मोदी चुनावी राजनीति में उतरे थे।

ऐसे बने पीएम करीबी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला चुनाव 2002 में लड़ा था। तब राजकोट में उनके चुनाव के प्रभारी सुनील ओझा ही थे। यहीं से ओझा ने अपनी सूझबूझ और मेहनत के जरिए अपनी मिस्टर भरोसेमंद की छवि गढ़ी थी। कहा जाता है कि सुनील ओझा का पीएम मोदी से इससे भी पुराना नाता है। पीएम मोदी जब संगठन महामंत्री थे, तब से ओझा का उनसे परिचय है।

सुनील ओझा को जब बिहार ट्रांसफर किया गया था तब सोशल मीडिया पर 21 साल पुरानी एक फोटो वायरल हो रही थी जिसमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सुनील ओझा, ज्योतिंद्र मेहता और भीखूभाई दलसानिया नजर आ रहे हैं।

इस फोटो के बाद राजनीतिक गलियारों में कयासों का सिलसिला शुरू हो गया था। चर्चा हुयी कि सुनील ओझा को बिहार का सह प्रभारी बनाए जाने का एक कारण भीखू दालसानिया से समन्वय भी हो सकता है। दलसानिया आरएसएस का बैकग्राउंड रखते हैं तो सुनील ओझा मूलरूप बीजेपी संगठन के खास थे।

Abhay updhyay

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