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उत्तर प्रदेश

एनसीईआरटी पुस्तकों का टोटा, स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित, पुस्तकों के लिए अभिभावक काट रहे दुकानों के चक्कर

Neelu Keshari
10 July 2024 9:13 AM GMT
एनसीईआरटी पुस्तकों का टोटा, स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित, पुस्तकों के लिए अभिभावक काट रहे दुकानों के चक्कर
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सोनू सिंह

गाजियाबाद। स्कूलों में नया सत्र शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की पुस्तकों की कमी दूर नहीं हो सकी है। अभिभावक पुस्तकों के लिए दुकानों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। पूरे कोर्स की पुस्तकें उपलब्ध नहीं होने पर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एनसीईआरटी की पुस्तकें बाजार में उपलब्ध नहीं होने पर कई अभिभावक निजी प्रकाशकों की पुस्तकें भी खरीदने को मजबूर हैं।

सीबीएसई, सीआईएससीई और यूपी बोर्ड में नए सत्र का आगाज एक अप्रैल से हो गया। इसके बावजूद अभी तक बाजारों में एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं हैं। छात्र-छात्राओं को एनसीईआरटी की किताबों के बगैर ही पढ़ाई करनी पड़ रही है। एनसीईआरटी की तमाम विषयों की किताबें बाजार से गायब हो गई हैं। पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि नया सत्र करीब आते ही एनसीईआरटी की किताबों की डिमांड बढ़ जाती है। स्कूलों की ओर से सत्र शुरू होने से दो-तीन माह पहले स्थिति स्पष्ट नहीं करने से हर साल परेशानी झेलनी होती है। वहां, पाठ्यक्रम में बदलाव के चलते भी डिमांड अनुरूप प्रिंटिंग नहीं हो पा रही है। स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लगी हैं, उनके विद्यार्थी और परिजन किताबों के लिए शहरभर के चक्कर काट रहे हैं। जिले में 13 राजकीय, 50 वित्तपोषित एवं 177 वित्त विहीन विद्यालय संचालित हैं। विद्यालयों में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई कराई जाती है। अधिकांश स्कूल इसका कारण नई शिक्षा नीति लागू होने और पाठ्यक्रम में बदलाव के चलते एक साथ अधिक संख्या में पुस्तकों की प्रिंटिंग न होने से कम आपूर्ति होना भी है।

कक्षा-6 समेत इससे नीचे की कक्षाओं में भी पूरे कोर्स की पुस्तकें उपलब्ध नहीं है। पुस्तकों की पीडीएफ डाउनलोड कर और ऑनलाइन पढ़ाई करने को छात्र मजबूर हैं। नया सत्र शुरू होने से पहले ही एनसीईआरटी की पुस्तकें बाजार में उपलब्ध होनी जानी चाहिए। जिससे बिना किसी समस्या विद्यार्थी पढ़ाई कर सकें। 6 स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम ही अनिवार्य किया गया है। कोई भी स्कूल अभिभावक को निर्धारित पुस्तक विक्रेता के पास से ही किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। इस प्रकार की अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलने पर जांच करवा कार्रवाई की जाएगी। पुस्तकों की कमी को भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

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