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मोबाइल में देखी रील... फिर 5वीं के छात्र ने खूंटी से लगा लिया फंदा; गूगल के इस एप से ऐसे करें निगरानी
यूपी के हमीरपुर जिले में मोबाइल पर रील देखकर पांचवीं के छात्र ने फंदा लगा लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। मोबाइल पर यूट्यूब में नमक से जहर बनाना, मौत का आसान तरीका, फंदा लगाकर मौत से बचने की रील्स देख रहा था। इन्ही वीडियो को देखकर उसने कमरे में लगी खूंटी में गमछे से फंदा लगाते हुए बचने वाला तरीका अपनाने लगा। तभी फंदा उसके गला में कस गया। जिससे उसकी मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से हैरान करने वाली खबर सामने आई। मोबाइल फोन में मौत का आसान तरीका देखकर एक किशोर ने कमरे में लगी खूंटी से गमछे से फंदा लगा लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। फंदे में लटकता देखकर परिजन से उतर कर अस्पताल लाएं। जहां डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। अचानक हुई इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया है।
कस्बे के वार्ड संख्या 18 रवींद्रनाथ टैगोर नगर के निवासी अवधेश साहू का पुत्र निखिल उर्फ रज्जू (11) कस्बे के एक पब्लिक स्कूल में कक्षा पांच का छात्र था। पिता ने बताया कि गुरुवार को दोपहर 2 बजे के बाद यह स्कूल से आकर घर में कमरे के अंदर पड़े सोफे में बैठकर मोबाइल देख रहा था।
मोबाइल पर यूट्यूब में नमक से जहर बनाना, मौत का आसान तरीका, फंदा लगाकर मौत से बचने की रील्स देख रहा था। इन्ही वीडियो को देखकर उसने कमरे में लगी खूंटी में गमछे से फंदा लगाते हुए बचने वाला तरीका अपनाने लगा। तभी फंदा उसके गला में कस गया। जिससे उसकी मौत हो गई।
पड़ोस से वापस लौटी मां रूबी साहू ने जब बेटे को फंदे पर लटकते देखा तो शोर मचाया। शोर शराबा सुनकर दौड़े परिजन उसे फंदे से उतार कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। यहां पर डॉक्टर तरुण पाल ने उसे जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। परिजन पुलिस को बगैर सूचित किए शव को लेकर घर लौट गए। अचानक हुई इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया।
मृतक दो भाई व एक बहन में सबसे बड़ा था। मृतक के पिता अवधेश साहू,मां रूबी,भाई गौरव,बहन तान्या का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना की सूचना पाकर बसपा नेता जयकरण सिंह ने घर पहुंच कर परिजनों को ढांढस बंधाया।
स्कूल के प्रबंधक श्रवण सिंह ने बताया कि छात्र होनहार था और नाइंटी प्लस नंबर लाता था। कस्बा इंचार्ज प्रेमचन्द्र मौर्या ने बताया कि उन्हें घटना की कोई सूचना नहीं है। सोशल मीडिया सेल से जानकारी हुई है।
होनहार छात्र था निखिल
मृतक दो भाई व एक बहन में सबसे बड़ा था। पिता अवधेश साहू की बिल्डिंग मैटेरियल की शॉप है। मृतक के पिता अवधेश साहू, मां रूबी, भाई गौरव, बहन तान्या का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना की सूचना पाकर बसपा नेता जयकरण सिंह ने घर पहुंच कर परिजनों को ढांढस बंधाया। स्कूल के प्रबंधक श्रवण सिंह ने बताया कि छात्र होनहार था और 90 प्लस नंबर लाता था। वहीं चर्चा यह भी है कि निखिल इस तरह के कंटेंट फोन में क्यों देख रहा था। वहीं परिजन इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
पुलिस बोली फनी वीडियो देखा था
- थाना सुमेरपुर के अनुसार परिजनों द्वारा यह भी बताया गया कि बच्चे का मोबाइल चेक किया गया तो यूट्यूब पर उसकी वॉच लिस्ट में आत्महत्या करने की प्रक्रिया संबंधित वीडियो जो की एक फनी वीडियो था। उसको बच्चे द्वारा फॉलो किया गया जिससे फंदे से लटक कर उसकी मृत्यु हुई है। थाना सुमेरपुर पुलिस द्वारा पंचायतनामा की कार्रवाई की गई है।
मोबाइल एडिक्शन का शिकार हो रहे किशोर, उठा रहे आत्मघाती कदम
बढ़ते मोबाइल के चलन में रील का शौक तेजी के साथ बढ़ रहा है। बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी वर्ग के लोग रील देखने व बनाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। इसमें मोबाइल की लत बच्चों को भी लग रही है। बच्चे मोबाइल एडिक्शन हो रहे हैं। जिससे आत्मघाती जैसे कदम तक उठा रहे हैं। ऐसा ही मामला सुमेरपुर कस्बे में सामने आया है। इससे पहले भी बच्चों के आत्महत्या केे मामले सामने आ चुके हैं।
गूगल फैमिली एप से बच्चे के फोन की कर सकते हैं निगरानी
इसके लिए दोनों प्ले स्टोर से अपने फोन पर गूगल फैमिली लिंक एप और बच्चे के मोबाइल पर फैमिली लिंक चाइल्ड एंड टीन का इंस्टाल कर लें। अपने फोन पर गूगल फैमली को खोले फिर गेट स्टारटेड पर जाएं। इसके बाद गूगल आप्शन चुनें, फिर अकाउंट से पैरेंटिंग का आप्शन चुनें। जिसमें ऑप्शन आएगा डू यू चाइल्ड योर अकाउंट आएगा। जिसमें यस कर दें। फिर सेटिंग में गूगल पर जाकर पैरेंटिंग पर क्लिक करें। इसके बाद बच्चे की फैमिली लिंक चाइल एंड टीन पर जाकर ओपन करें। इसके बाद पैरेंट अकाउंट पर क्लिक करें। इसके बाद अपना पासवर्ड डालकर ओपन करें।
इसके बाद टू स्टेप वेरिफिकेशन पूरा करें। इसके बाद चाइल की डिवाइस में नंबर आएगा। जिसे यस इट्स बी के ऑप्शन पर क्लिक कर डिवाइस से कंफर्म करें। फिर अकाउंट वैरीफाइ करें। इसके बाद चाइल डिवाइस में जाकर गूगल में जाकर नंबर डालेंगे। फिर डिवाइस में डन का ऑप्शन आएगा। प्रक्रिया पूर्ण होने पर चाइल्ड के फोन की सारी गतिविधि देख सकते हैं। दिन के हिसाब से टाइमिंग लगा सकते हैं। यूट्यूब को हाइड कर सकते हैं। एक तरह से बच्चे का फोन अपने आपके इशारे पर चलेगा।
बच्चों को मोबाइल की लत से रखें दूर
जिला अस्पताल की साइकोलॉजिस्ट डॉ. नीता का कहना है कि मोबाइल एडिक्शन के चलते ऐसा बच्चे कदम उठाते हैं। बच्चों को जन्म से ही मोबाइल की लत से दूर रखना चाहिए। अगर बच्चे को घंटे भर के लिए मोबाइल पढ़ाई के लिए दे रहे हैैं तो भी उसकी निगरानी रखना चाहिए कि बच्चा पढ़ रहा हैै या और कुछ देख रहा है।