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एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में बाबरी मस्जिद का नाम तीन गुंबद करना कोर्ट की अवमानना है, यह स्वीकार नहीं: सैयद वली हसन
गाजियाबाद। कांग्रेस के महानगर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सैयद वली हसन के नेतृत्व में आज एक ज्ञापन जिलाधिकारी को गाजियाबाद के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित कक्षा 3 की हिंदी अंग्रेजी गणित और नई दुनिया हमारे आसपास जो ईवीएस की जगह लेती है। किसी भी अपडेट की गई पाठ्य पुस्तक के प्रस्तावना में शामिल नहीं है। पुरानी ईवीएस पुस्तक लुकिंग अराउंड और हिंदी पुस्तक रिमझिम 3 में प्रस्तावना शामिल थी।
इसी तरह की नई अंग्रेजी पाठ्य पुस्तक पूर्वी में राष्ट्रगान शामिल है। जबकि संस्कृत पुस्तक दीपकम में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों शामिल हैं लेकिन प्रस्तावना को छोड़ दिया गया है। जबकि प्रस्तावना संविधान का मूल रूप है और राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, मौलिक अधिकार और कर्तव्य इसका स्थान नहीं ले सकते हैं। इसी तरह इस वर्ष जून में एनसीईआरटी में कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पाठ्य पुस्तक में भी संशोधन किया गया है और बाबरी मस्जिद शब्द को हटा दिया गया है। जिसे अब नए संस्करण में तीन गुंबद वाली संरचना के रूप में संदर्भित किया गया है। यह स्पष्ट तौर पर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ है। इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अराजक तत्वों द्वारा तोड़ी गई इमारत को बाबरी मस्जिद ही कहा है। इसलिए यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट की अवमानना भी मानी जाएगी।
ज्ञापन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रसाद से मांग की गई कि अपने स्तर पर इस पूरे मामले को देखते हुए इस संशोधन को दूर करें। ज्ञापन देने में सैय्यद वली हसन के साथ मुख्य रूप से दानिश सैफ़ी, मोहम्मद फहीम खान, शिवम सिंह, इमरान मलिक, आशु मलिक, मोहसीन शेख, शादाब अब्बासी, विक्रांत चौधरीं, आदिल, शरीफ़ अहमद, फ़ाहाद सिद्दीक़ी, सुनील भारती, खुसरू ख़ान, राजा आदि रहे।