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PM Kisan Yojana News: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने शुरू की है। इस योजना को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक अहम फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने 22 मई से 10 जून तक एक महाअभियान चलाने का ऐलान किया है। इस महाअभियान के तहत राज्य सरकार के कर्मचारी उन किसानों के घर जाएंगे।
जिन्हें अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। उनका नाम लिस्ट में जोड़ा जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर यह अभियान शुरू किया जाएगा। बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के सालाना 6,000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं। किसानों को ये पैसे किश्तों में दिए जाते हैं। साल भर में 3 किश्त में पैसे दिए जाते हैं।
हर एक किश्त में 2000 रुपये मिलते हैं। हर 4 महीने में एक किश्त आती है। उत्तर प्रदेश के सभी किसानों को मिलेगा फायदा योगी सरकार का कहना है कि इस अभियान के तहत सरकारी कर्मचारी किसानों के घर जाएंगे। उन किसानों की लिस्ट तैयार करेंगे, जो किसी कारण से अभी तक अभी फायदा नहीं मिला है। सरकारी कर्मचारियों को गांव-गांव भेजा जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश के 100 फीसदी पात्र किसानों को इस योजना का फायदा पहुंचाया जाए। उत्तर सरकार के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र इस अभियान की मॉनिटरिंग करेंगे। मुख्य सचिव ने इसके लिए सभी मंडलों और जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। राजस्व टीमें इस समय भी इसे लेकर काम कर रही हैं। कई किसानों का लैंड वेरिफिकेशन भी अपडेट नहीं हुआ है।
जिससे किसानों को अगली किश्त का फायदा मिलने में अड़चन आ सकती है। PM Kisan Yojana: अगर नहीं लेना चाहते हैं पीएम किसान योजना का फायदा, ऐसे करें सरेंडर कृषि विभाग नोडल होगा पूरे अभियान का नोडल विभाग कृषि होगा। ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले शिविरों में ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सेक्रेटरी, लेखपाल, तकनीकी सहायक (कृषि), कॉमन सर्विस सेंटर, पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी मौजूद रहेंगे ताकि ई-केवाईसी, बैंक खाते की आधार लिंकिंग और जमीन के ब्योरे की डिटेल दर्ज करने में कोई परेशानी न हो।
इस अभियान में सबसे पहले घर-घर सर्वे किसानों की लिस्ट तैयार की जाएगी, जो किसी कारणवश इस योजना से बाहर रहे हैं। सीनियर अधिकारी ग्राम पंचायतों का दौरा करेंगे। इसके लिए लगने वाले शिविर में बैठने की व्यवस्था और कंप्यूटर आदि की व्यवस्था पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान के जरिए किया जायेगा।