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PM In वाराणसी: अमर काशी में गूंजा मोदी-मोदी, 10 प्वाइंट में जानिए पीएम के वाराणसी संबोधन की अहम बातें
Abhay updhyay
23 Sept 2023 4:12 PM IST
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काशी के गांजरी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के शिलान्यास के मौके पर पीएम मोदी ने हर-हर महादेव के नारे के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मंच से सभी का स्वागत और अभिनंदन किया. सभी खेल जगत की हस्तियां और काशीवासी। आज फिर बनारस आने का मौका मिला। एक बार फिर बोलें ॐ नम: पार्वती पतये हर हर महादेव।
- पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं उस दिन आया हूं जब चंद्रयान को शिव शक्ति प्वाइंट पर पहुंचे एक महीना पूरा हो गया है. 23 तारीख को शिव शक्ति चंद्रयान की लैंडिंग हुई. एक चंद्रमा पर और दूसरा शिव शक्ति काशी में। आज मैं आप सभी को शिवशक्ति की ओर से बहुत- बहुत बधाई देता हूं।
- मेरे परिवारजन, जिस स्थान पर हम लोग एकत्रित हुए हैं वह स्थान विंध्यवासिनी धाम को काशी से जोड़ने वाला स्थान है। यह भारतीय लोकतंत्र के महान गुरु राजनारायण जी का गांव भी है। मैं इस धरती से आदरणीय राजनारायण और उनकी जन्मभूमि को प्रणाम करता हूं। काशी में आज अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया गया। यह पूर्वाचल के युवाओं के लिए वरदान साबित होगा। इसके तैयार होने पर तीस हजार से ज्यादा लोग एक साथ बैठकर मैच देख सकेंगे।
- मैं जानता हूं कि पूरे स्टेडियम की तस्वीरें सामने आने के बाद से हर काशीवासी खुश है। महादेव की नगरी में बन रहे इस स्टेडियम का डिजाइन महादेव को समर्पित है. यहां एक से बढ़कर एक मैच होंगे. आपको इंटरनेशनल स्टेडियम में मैच देखने का मौका मिलेगा. आज दुनिया क्रिकेट के माध्यम से भारत से जुड़ रही है। अगर देश क्रिकेट से जुड़ रहे हैं तो भविष्य में मैचों की संख्या भी बढ़ेगी। मैच बढ़े तो बनारस का यह स्टेडियम डिमांड को पूरा कर स्टार बन जाएगा।
- यह यूपी का पहला स्टेडियम होगा जो बीसीसीआई के सहयोग से बना है। यहां का सांसद होने के नाते मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। यदि खेल का बुनियादी ढांचा तैयार किया जाता है, तो इसका अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर बड़े आयोजन होंगे, दर्शक और खिलाड़ी आएंगे तो खाने-पीने की दुकानों, ऑटो, होटलों और नाव चालकों के दोनों हाथों में लड्डू होंगे। नए अवसर पैदा होते हैं. आप स्पोर्ट्स स्टार्टअप के बारे में सोच सकते हैं. इससे खेल उद्योग भी आएगा।
- एक समय था जब माता-पिता अपने बच्चों को डांटते थे कि उन्हें पढ़ाई करनी चाहिए या खेलते रहना चाहिए। अब सोच बदल गई है. अब अभिभावक भी खेलों के प्रति गंभीर हो गए हैं। देश का मूड बन गया है कि जो खेलेगा वही निखरेगा। एक महीने पहले मैं मध्य प्रदेश के शहडोल गांव गया था, जहां युवाओं से मुलाकात हुई और प्रभावित हुआ. बताया कि हर घर में एक फुटबॉल खिलाड़ी है. वहां फुटबॉल जैसा माहौल है. वहां मैच के दौरान पूरे इलाके के सैकड़ों गांवों के लोग कई दिनों तक मैदान में डटे रहते हैं.
- पीएम ने कहा कि काशी का सांसद होने के नाते खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सांसद तक जानकारी पहुंचती रहती है. काशी खेल में नाम कमाने का ये हमारा प्रयास है. उच्च स्तरीय खेल सुविधाएँ बढ़ाएँ। पीएम ने कहा कि सिगरा स्टेडियम में 50 से ज्यादा खेलों की सुविधाएं होंगी. यह दिव्यांगों को समर्पित देश का पहला बहुस्तरीय परिसर होगा।
- पीएम ने कहा कि देश में खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए खेल बजट तीन गुना बढ़ाया गया है. खेलो इंडिया को 70 प्रतिशत बढ़ाया गया है। स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक प्रतियोगिताएं हुईं और बेटियों ने भी हिस्सा लिया। देश के शीर्ष खिलाड़ियों के भोजन और प्रशिक्षण पर लाखों रुपये खर्च किये गये हैं. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत ने पदक जीते हैं. सभी भारतीय खिलाड़ियों को मेरी शुभकामनाएं। खेलों के महारथी गांवों में मौजूद हैं, उन्हें ढूंढ़ना और तराशना होगा। उनका योगदान छोटे शहरों से आया। उन्हें अधिक से अधिक अवसर मिलना चाहिए.
- खेलो इंडिया से देश के कोने-कोने में प्रतिभाओं की पहचान हो रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीट तैयार हो रहे हैं। खेल की दुनिया में देश का नाम रोशन करना है. उन सभी को धन्यवाद जिनके परिवारों ने खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए व्यवस्था की। खिलाड़ियों को अच्छी कोचिंग दी जा रही है. राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को कोचिंग के माध्यम से गांवों से जोड़ा गया है। पीएम ने कहा कि देश में तैयार हो रहे आधुनिक खेल इंफ्रास्ट्रक्चर से हर गांव में खिलाड़ियों को अवसर मिलेंगे. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई ही नहीं, हर कोने से खिलाड़ियों को सुविधाएं मिल रही हैं। खेल का बुनियादी ढांचा तैयार होने से बेटियों को प्रशिक्षण के लिए घर से दूर नहीं जाना पड़ेगा।
- शिक्षा नीति में खेल को शिक्षा की श्रेणी में रखा गया है। शिक्षण को एक विषय के रूप में निश्चित किया गया है। खेल विश्वविद्यालयों से लेकर खेल कॉलेजों तक, नए खेल केंद्र बनाए जा रहे हैं। खेल सुविधाओं का विस्तार जरूरी है. यह देश के विकास के लिए जरूरी है.
- हम दुनिया के दूसरे शहरों को खेल आयोजनों की वजह से ही जानते हैं। देश में स्टेडियम जरूरी हैं. जिस स्टेडियम का शिलान्यास किया गया है वह विकास का प्रतीक बनेगा। आपके आशीर्वाद से काशी का कायाकल्प और कार्य हो रहा है। इस तरह विकास की नई इबारत लिखी जाएगी।
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Abhay updhyay
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