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सुलतानपुर के सराफा डकैती कांड में शामिल में एक बदमाश एनकाउंटर में ढेर, एक बदमाश फरार
सुलतानपुर। सुलतानपुर में आज यानी गुरुवार को सराफा डकैती कांड में शामिल दो बदमाशों से यूपी एसटीएफ की मुठभेड़ हो गई। एक बदमाश वहां से मौके से भाग निकला लेकिन दूसरे बदमाश मंगेश यादव को गोली लगी। उसके बाद मेडिकल कॉलेज में उसे ले जाया गया जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
बता दें 28 अगस्त को शहर के ठठेरी बाजार में भरत जी सोनी की दुकान में डकैती हुई थी। पांच डकैत करीब डेढ़ करोड़ का सामान समेट कर भाग निकले थे। उन्हीं की तलाश में एसटीएफ समेत पुलिस की सात टीमों को लगाया गया था।
आज सुबह में दो बदमाश बाइक से हनुमान गंज बाईपास के पास से निकल रहे थे तभी सीओ डीके शाही की अगुआई में एसटीएफ व कोतवाली देहात पुलिस ने बदमाशों को घेर लिया। दोनों तरफ से कई राउंड गोलियां चलीं। मुठभेड़ के दौरान एक बदमाश भाग निकला। अभी भी 10 बदमाशों की पुलिस को तलाश है जो इस वारदात में शामिल थे।
वहीं एक एनकाउंटर को लेकर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि लगता है सुलतानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी। जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे।
उन्होंने कहा कि नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है।