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उत्तर प्रदेश

वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे पर वसुंधरा के आंगन और आंचल वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की चिकित्सा और सहायता के लिए लगाया जाएगा विशेष शिविर

Neelu Keshari
7 Sep 2024 11:58 AM GMT
वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे पर वसुंधरा के आंगन और आंचल वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की चिकित्सा और सहायता के लिए लगाया जाएगा विशेष शिविर
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- विषय है- कमर दर्द और इसके प्रबंधन व रोकथाम में फिजियोथेरेपी की भूमिका

गाजियाबाद। वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे पूरे विश्व में हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका फिजियाथेरेपी से लोगों को स्वस्थ और फिट रखना है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम के नीतिखंड- एक में प्रत्यक्ष मल्टी स्पेशलियटी क्लीनिक शनिवार को आयोजित एक प्रेसवार्ता में डॉ. ख्याति शर्मा ने बताया कि फिजियोथेरपी के द्वारा मरीज की दवा पर निर्भरता कम करना और बिना दवा के इलाज करना है। इतना ही नहीं आज फिजियोथेरेपी के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ) जैसे तनाव, नींद न आना और अवसाद जैसी समस्या का इलाज भी संभव है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2024 में वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे “कमर दर्द और इसके प्रबंधन व रोकथाम में फिजियोथेरेपी की भूमिका है” (लो बैक पेन एंड द रोल ऑफ फिजियोथेरेपी इन इट्स मैनेजमेंट एंड प्रिवेंशन )।

डॉ. ख्याति ने बताया कि प्रत्यक्ष मेडिकल केयर के सेवा के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे (8 सितंबर) पर वसुंधरा सेक्टर तीन स्थित आंगन और आंचल वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की चिकित्सा और सहायता के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जहां कुछ मनोरंजक कार्यक्रम में बुजुर्गों की समस्या की पहचान के साथ उसका निदान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी चिकित्सा जगत की एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रणाली है, जिससे आमतौर पर चोट और हड्डियों व टिश्यू के दर्द को कम किया जाता है। फिजियोथेरेपी बीमारी या चोट लगने के कारण होने वाली शारीरिक समस्याओं में सुधार लाता है।

डॉ. सुमित त्यागी ने बताया कि फिजियाथेरेपी दिवस को स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और चिकित्सा के क्षेत्र में फिजियोथेरेपिस्ट के योगदान के लिए मानाया जाता है। वर्ल्ड फिजियोथेरेपी दिवस की शुरुआत 8 सितंबर 1996 से हुई। जो वर्ष 1951 में वैश्विक फिजियोथेरेपी समुदाय (ग्लोबल फिजियोथेरेपी क्म्युनिटी) की एकजुटता के प्रतीक रूप में मनाया जाता है। डॉ. श्रद्धा ने इस अवसर पर कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में फिजियोथेरेपी का महत्त्व लगातार बढ़ रहा है। फिजियोथेरेपी के माध्यम से शरीर की गतिशीलता (मूवमेंट) को बढ़ावा देना, दर्द को कम करना, हृदय रोग, डायबिटीज जैसी बीमारियों वाले मरीजों के चोटिल होने, स्ट्रोक और सर्जरी के बाद उनके स्वस्थ होने में सहायता प्रदान करना है।

डॉ. प्रिया ने बताया कि फीजियोथेरेपी से ऑस्टिओअर्थराइटिस, स्पाइनल इंज्युरी जैसी जटिल बीमारियों का इलाज संभव है। डॉ. नितेश ने बताया कि फिजियोथेरेपी यानी शरीर की मांसपेशियों, जोड़ों, हडि्डयों-नसों के दर्द या तकलीफ वाले हिस्से की वैज्ञानिक तरीके से आधुनिक मशीनों, एक्सरसाइज, मोबिलाइजेशन, टेपिंग के माध्यम से मरीज को आराम पहुंचाना। फिजियोथेरेपी में विशेषज्ञ कई तरह के व्यायाम और नई तकनीक वाली मशीनों की मदद से इलाज आज संभव है।

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