फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले में कानूनगो, लेखपाल और तहसील कर्मचारियों को नोटिस जारी
-दूर के रिश्तेदार हड़पना चाहते थे 17 बीघा जमीन
-फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले में चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मोहसिन खान
गाजियाबाद। कस्बा निवाड़ी में 35 साल से लापता व्यक्ति का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर 17 बीघा कृषि भूमि पर विरासत में नाम दर्ज करने के मामले में कानूनगो और लेखपाल सहित अन्य कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इसके अलावा, प्रमाण पत्र बनाने वाले नगर पंचायत कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच शुरू हो गई है। बता दें कि कस्बा निवाड़ी निवासी रामोत्तार त्यागी 35 साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे। उनके नाम 17 बीघा कृषि भूमि है, जो करोड़ों रुपये की कीमत की है। उनके दूर के रिश्तेदार सोनू त्यागी, जो सादिक नगर गाजियाबाद के निवासी हैं, ने फर्जी कागजात के आधार पर नगर पंचायत निवाड़ी से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया।
इसकी शिकायत पर नगर पंचायत निवाड़ी के अधिशासी अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह की जांच में यह मामला फर्जी पाया गया। उन्होंने प्रमाण पत्र को निरस्त कर निवाड़ी थाने में सोनू त्यागी, शेखर त्यागी, भीष्म त्यागी और वार्ड एक के सभासद अख्तर के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। फर्जी मृत्यु प्रमाण के आधार पर तहसील कर्मचारियों से मिलीभगत कर उक्त जमीन पर विरासत में अपने नाम भी दर्ज करा लिए थे। इतना ही नहीं, उक्त जमीन को एग्रीमेंट डीलरों को भी सौंप दिया गया था।
उपजिलाधिकारी डॉ. पूजा गुप्ता ने खसरा संख्या 227, 667, 772 और 773 खातों की भूमि पर विरासत में जो नाम दर्ज किए गए थे, उन पर फर्द से नाम कटवा दिए हैं। हलका लेखपाल और सर्किल कानूनगो द्वारा दर्ज किए गए नामों को नायब तहसीलदार न्यायालय द्वारा स्थगित कर दिया गया है, ताकि भूमि का क्रय-विक्रय न हो सके। इस मामले में संलिप्त तहसील कर्मचारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
डॉ. पूजा गुप्ता, उपजिलाधिकारी, तहसील मोदीनगर ने कहा कि फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले नगर पंचायत कर्मचारियों के खिलाफ जांच की जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।