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मर्डर का आरोपी सगे भाई के साथ गिरफ्तार, रिवॉल्वर-चार कारतूस और कार बरामद
वाराणसी जिले के बाबतपुर ओवरब्रिज पर फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट की गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपी की पहचान प्रयागराज जिले के हंडिया थाना के कसैयावर बमैला के रामसूरत सिंह के रूप में हुई है। उसका छोटा भाई कार मालिक भरत सिंह है।
बाबतपुर ओवरब्रिज पर फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट की गोली मारकर हत्या करने का आरोपी अपने सगे छोटे भाई के साथ गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान प्रयागराज जिले के हंडिया थाना के कसैयावर बमैला के रामसूरत सिंह के रूप में हुई है। उसका छोटा भाई कार मालिक भरत सिंह है। प्रकरण में पुलिस को दो अन्य आरोपियों की तलाश है, जो घटना के समय कार में सवार थे। आरोपी के पास से वारदात में प्रयुक्त एक लाइसेंसी रिवॉल्वर, चार कारतूस और एक कार बरामद की गई है। आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है।
पलहीपट्टी गांव निवासी वीर बहादुर सिंह फाइनेंस कंपनी में रिकवरी एजेंट का काम करता था। बीते सात जनवरी की शाम वह अपने तीन दोस्तों के साथ बाबतपुर चौराहे पर मौजूद था। इसी दौरान पिंडरा की ओर से एक कार आती दिखाई दी। वीर बहादुर को पता लगा कि कार की किस्त नहीं जमा है, इस पर उसने अपने दोस्तों के साथ उसका पीछा किया। बाबतपुर ओवरब्रिज पर कार को ओवरटेक करके उसने रुकवाया और ड्राइविंग सीट के पास खड़ा होकर बात करने लगा। इसी बीच कार के अंदर से गोली चली और वीर बहादुर निढाल होकर सड़क पर गिर पड़ा।
डीसीपी गोमती जोन प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि कार के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर फूलपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इंस्पेक्टर फूलपुर संजय कुमार मिश्र और एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्र के नेतृत्व में दरोगा विनोद कुमार त्रिपाठी व संदीप कुमार सिंह और हेड कांस्टेबल संतोष पासवान की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
बनारस घूमने जा रहा था, रास्ते में हुई वारदात
पुलिस की पूछताछ में नासिक में लेबर कांट्रेक्टर का काम करने वाले रामसूरत सिंह ने बताया कि वह अपने छोटे भाई भरत की कार लेकर दो लोगों के साथ बनारस घूमने जा रहा था। बाबतपुर ओवरब्रिज पर उसकी कार ओवरटेक कर उसे रुकवाया गया। इसके साथ ही कार खड़ा करने के लिए कहा गया। यह घटना उसके लिए अप्रत्याशित सी थी। उसने अपनी रिवॉल्वर निकाल कर कार रुकवाने वाले को डराने का प्रयास किया तो वह छीनाझपटी करने लगा। छीनाझपटी के दौरान ही कब गोली चल गई, उसे पता ही नहीं लगा। पुलिस के अनुसार घटना के बाद कार लेकर रामसूरत अपने घर चला गया। वहां उसके भाई भरत ने कार और रिवॉल्वर छुपाने में उसकी मदद की थी।