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उत्तर प्रदेश

खोड़ा में चार साल से बे-पता 50 हजार से अधिक घर-दुकानों को पहचान का इंतजार

Neelu Keshari
13 July 2024 10:12 AM GMT
खोड़ा में चार साल से बे-पता 50 हजार से अधिक घर-दुकानों को पहचान का इंतजार
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- चार साल पहले पूर्व सांसद व कैबिनेट मंत्री ने एक घर पर नंबर प्लेट लगाकर की थी योजना शुरू, बीच में लटक गई

गाजियाबाद। खोड़ा नगर पालिका परिषद क्षेत्र में चार सालों से बे-पता 50 हजार घर और दुकानों को अपनी पहचान मिलने का इंतजार है। विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई हर घर नंबर प्लेट देने योजना शुरू होते ही बीच में रुक गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि घरों को पहचान नहीं मिलने से डाकिया और सेल्समैन सामान की डिलीवरी के लिए भटकते रहते हैं। नगरपालिका परिषद से इस बारे में पूछने पर कोई जवाब नहीं मिलता है। अधिकारियों ने तीन महीने पहले हुई बोर्ड बैठक में नए सिरे से प्रस्ताव बनने की बात कही थी।

सूबे के सबसे बड़े साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र खोड़ा की करीब 12 लाख की आबादी है। यहां 50 हजार से अधिक मकान और दुकान हैं। स्थानीय लोग गंगाजल, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य तरीके की मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान रहते हैं। कई संगठनों ने मांग पर चार साल पहले लोगों के मकान-दुकान को पते देने की योजना बनी थी। मार्च 2020 में केंद्रीय राज्यमंत्री और पूर्व सांसद वीके सिंह और कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने हर घर नंबर प्लेट देने की योजना का उद्घाटन किया था। एक घर पर उन्होंने अपने हाथ से नंबर प्लेट लगाई। योजना के तहत खोड़ा को दस सेक्टर और 73 मोहल्लों में बांटकर मकान-दुकान पर प्लेट लगाने का काम शुरू हुआ था। इसमें गूगल मैपिंग कराने के साथ दावा किया गया था। तीन महीने में योजना का काम पूरा हो जाएगा लेकिन चंद दिनों बाद कुछ मकानों पर नंबर प्लेट लगाकर काम बीच में अटक गया।

खोड़ा रेजिडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना है कि घर का पता नहीं होने के चलते डाकिया और सेल्समैन लोगों के घर तक नहीं पहुंच पाते हैं। यहां तक कि रिश्तेदार भी रास्ता भूलते हैं तो रास्ता बताने वाला नहीं मिलता है। लोगों के घर की पहचान नहीं होना लोगों के लिए बड़ी समस्या है। चार महीने पहले बोर्ड बैठक में भी नंबर प्लेट के लिए 5 सभासद की समिति बनाई गई थी। खोड़ा-मकनपुर नगरपालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी (कार्यवाहक) केके मिश्रा का कहना है कि मार्च की बोर्ड बैठक में नगरपालिका की तरफ से पांच सभासदों की समिति बनाई थी। सदस्यों ने निर्णय लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार करके नगरपालिका में सौंप दी है। आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा।

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