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विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 100 से अधिक लोगों से ठगी
-कौशांबी पुलिस ने दो को गिरफ्तार किया,पासपोर्ट,वीजा,आधार कार्ड बरामद हुए
गाजियाबाद। गाजियाबाद के कौशांबी थाना पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया। दोनों भाई हैं और कौशांबी स्थित एक ऑफिस में ठगी का धंधा चलाते थे। कौशांबी थाने में आए ठगी के पीड़ित आकाश की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। आरोपियों के कब्जे से 7 लोगों के 13 पासपोर्ट, दो फर्जी वीजा और दो आधार कार्ड बरामद किए हैं।
डीसीपी निमिष पाटिल ने बताया कि ठगी के पीड़ित कानपुर निवासी आकाश ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने नौकरी के लिए आवेदन किया तो, उसमान नाम के व्यक्ति ने बात की थी। उसमान का वीजिटिंग कार्ड उन्हें मिला था। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति का 65 हजार रुपये तय हुआ था। ठगों ने एक व्यक्ति का करीब 80 हजार रुपये मांगा था। पीड़ित ने 4 लोगों के करीब एक लाख 86 हजार रुपये ठगों द्वारा बताए गए खातों मे डाल दिए थे। यह पैसे एक कथित बैंक फिनो पेमेंट्स बैंक खाता धारक शिखा सिंह के नाम पर था। पैसे आने के बाद उसमान ने पीड़ितों को फर्जी नौकरी का नियूक्ति पत्र, वीजा और फ्लाइट का टीकट भेजा था। पीड़ित ने इन कागजों की जांच की पता चला कि सभी फर्जी हैं। पुलिस जांच में पता चला कि मुकीम अपना नाम उसमान बताकर ठगी कर रहा था। मुकीम ने अपना नाम उसमान और युसुफ रखा था। मुफीद ने अपना नाम आवूजार रखा था। इस के अन्य सदस्यों सैफ ने अपना नाम अब्लुल्ला अंसारी, रणवीर ने विक्रम, फराद गौड ने मौहम्म्द जुनैद रख लिया था। इन लोगों ने अपने नाम बदलकर फर्जी आधार कार्ड बना लिए थे।
पीड़ित द्वारा शिकायत देने पर पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज की थी। साइबर टीम ने जब इसकी जांच की पता चला कि साइबर ठगों का ऑफिस वैशाली सेक्टर-4 के महालक्ष्मी टॉवर पर हैं। टीम ने दबिश दी, तो आरोपी मौके से फरार मिले। फोन नंबर और बैंक खातों से हुए लेन देन से पुलिस आरोपियों तक पहुंची। पुलिस ने ठगी करने वाले दो भाई मुकीम और मुफीद निवासी देवबंद सहारनपुर को गिरफ्तार किया। दो 7वीं और 8वीं पास हैं। पूछताछ में पता चला कि दोनों भाई ने ठगी करने के लिए एक गैंग बनाया था। गैंग के कुछ सदस्य सोशल मीडिया पर विदेश में नौकरी दिलाने का एड डालते हैं। कुछ सदस्य पीड़ित से मिलते हैं। कुछ सदस्य बैंको में आए पैसों को इधर से उधर करते हैं। ऑफिस से मीडिया साइट की मदद से फर्जी विजिटिंग कार्ड छपवाकर डालते थे। जो लोग नौकरी करने के लिए आनलाइन खर्च करते हैं, ऐसे ठगों द्वारा दिए गए विज्ञापन को देखकर उनके जाल में फस जाते हैं। ठग ऐसे लोगों से संपर्क करते थे। पीडितों के पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज लेकर फर्जी बैंक खातों में पैसा मगाकर आपस में बांट लेते थे।
सहारनपुर में बैठा गैंग का सदस्य फर्जी खाता नंबर उपलब्ध कराता था
पूछताछ में पता चला कि मांगेराम निवासी तलेडी जनपद सहारनपुर ठगों को पैसा मगाने के लिए बैक अकॉउट उपलब्ध कराता था। ठग पीड़ितों से पैसे इन एकाउंट नंबरों में डलवाते थे। ठग लोगों को विश्वास दिलाने के लिए उनका मेडीकल चेकअप कराते थे। ठगी के पीड़ित जब इन लोगों से वापस संपर्क करते थे, तो आरोपी अपना ऑफिस बदल देते थे। पूछताछ में पता चला है कि ठगों ने जनवरी माह में यहां ऑफिस खोला था।