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उत्तर प्रदेश

मोक्ष के लिए फ्रांस से काशी आए माइकल: मुमुक्ष भवन में नहीं मिली जगह, 2 नॉवेल पास में और अस्पताल में हैं भर्ती

Abhay updhyay
31 Oct 2023 6:00 AM GMT
मोक्ष के लिए फ्रांस से काशी आए माइकल: मुमुक्ष भवन में नहीं मिली जगह, 2 नॉवेल पास में और अस्पताल में हैं भर्ती
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फ्रांस के माइकल मैक्रोन पैन। 20 दिन पहले फ्रांस से काशी मोक्ष की चाह में आए थे। मगर, उन्हें मुमुक्ष भवन में जगह नहीं मिली। कई दिनों तक काशी की तंग गलियों में भटके रहे। फिर एक दिन बीमार पड़ गए। पुलिस ने उन्हें मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। अब वह नौ दिनों से इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हैं। माइकल कहना है कि अब मैं दिनभर बेड पर पड़े-पड़े सिर्फ दो नॉवेल पढ़ता हूं। मैं तो यहां मोक्ष के लिए आया था। मगर मौत भी नसीब नहीं हो रही है। यहां मैं जिंदा लाश बनकर रह गया हूं। इसलिए मुझे अब अपने देश जाना है। इसके लिए मुझे 500 डॉलर चाहिए।


कैंसर के लास्ट स्टेज पर हैं माइकल

माइकल ने बताया कि मेरी उम्र 60 साल है। एक साल पहले पता चला कि मुझे स्टमक कैंसर। वो भी लास्ट स्टेज पर। मैंने काफी इलाज करवाया। मगर कुछ भी आराम नहीं मिला। इसके बाद नॉवेल से मुझे वाराणसी के मुमुक्ष भवन के बारे में पता चला। फिर लोगों ने मुझे बताया कि काशी में जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति मिल जाती है।

इसलिए अपने परिवार को अलविदा कह कर आठ अक्टूबर को वाराणसी पहुंचा। मगर यहां पर विदेशी होने के चलते मुझे मुमुक्षु भवन में कमरा नहीं मिला। इसके बाद मैंने मुंशी घाट स्थित एक गेस्ट हाउस में रहा। इसके बाद 21 अक्टूबर मैं बीमार पड़ गया।''

माइकल ने बताया, ''इसके बाद गेस्ट हाउस मालिक ने दशाश्वमेध पुलिस की मदद से मुझे कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में भर्ती करा दिया। पिछले 9 दिन से वह अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पड़ा हुआ हूं। बेड पर ही शौच हो जा रहा, तो कोई हाथ लगाने वाला नहीं। अस्पताल के स्टाफ ने यूरिन के लिए एक ट्यूब लगाया है। विदेशी के चलते कोई भी अपने यहां रखने का रिस्क नहीं ले रहा है। अब मुझे घर जाना है। एंबेसी से गुहार है कि मुझे फ्रांस भेजा जाए।


गेस्ट हाउस के मालिक पंकज झा ने बताया कि माइकल कई दिनों तक गेस्ट हाउस के कमरे में रहे। एक दिन वह चक्कर खाकर जमीन पर गिर गए। फिर मैंने फोन करके पुलिस को बुलाया। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। माइकल का सारा सामान और डॉक्यूमेंट्स गेस्ट हाउस में ही है। एक विदेशी महिला ही है, जो कभी-कभी गेस्ट हाउस में भी आती थी। माइकल ने एंबेसी में भी मदद मांगी थी, लेकिन कुछ नहीं मिल सका।

सामाजिक कार्यकर्ता ने बेड से साफ कराया शौच, पहनाया डाइपर

माइकल ने रविवार को बेड पर ही शौच कर दिया था, तभी काशी के एक सामाजिक कार्यकर्ता अमन अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि मैंने देखा कि एक विदेशी व्यक्ति अस्पताल में लेटा है। उसने बेड पर ही शौच कर दिया था। मैंने अपने ड्राइवर से बेड की सफाई कराई। इसके बाद उनको डायपर पहनाकर उनसे बातचीत की। इसके बाद इसके साथ ही मैंने माइकल को लेकर DM-कमिश्नर से बातचीत भी की। कमिश्नर ने व्यवस्था बनाने का आश्वासन दिया है।

कमिश्नर बोले- पूरी व्यवस्था दी जाएगी

इस मसले पर वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि फ्रांस के नागरिक को जो भी व्यवस्था होगी दी जाएगी। पुलिस को निर्देश दे दिया गया है। अस्पताल से डिस्चार्ज कराकर उनका पूरा बंदोबस्त किया जाएगा।

Abhay updhyay

Abhay updhyay

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