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Meerut: 47 साल का हुआ मेडा, कभी नगर निगम में बाबू चलाते थे दफ्तर, विवाद के बीच शहर में आबाद कीं 13 कॉलोनियां
मेरठ विकास प्राधिकरण ‘मेडा’ शुक्रवार को 47 बरस का हो रहा है। 3 नवंबर 1976 को मेडा का गठन किया गया। इस दौरान जहां मेडा ने शहर के बाशिंदों को 13 कॉलोनियों की सौगात दी। सूरजकुंड पार्क को विकसित किया। प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप भी परतापुर-मोहिउद्दीनपुर के बीच विकसित की जाएगी। वहीं एक समय था जब नगर निगम में दो बाबू मेडा का दफ्तर चलाते थे।
मेडा ने अपने गठन से लेकर अब तक आलोक विहार, पल्लवपुरम, श्रद्धापुरी, गंगानगर, लोहियानगर, शताब्दीनगर, वेदव्यासपुरी, विकास विहार, रक्षापुरम, मेजर ध्यानचंद नगर, सैनिक विहार, पांडवनगर, डिफेंस कॉलोनियां बनाईं। वहीं शहर के बीचों बीच सूरजकुंड पार्क का तोहफा भी मेडा ने ही शहर को दिया है। 50 करोड़ रुपये के विकास कार्य अवस्थापना निधि से कराए जाने हैं।
अवैध कॉलोनियों पर लगा रहे अंकुश
मेडा का नाम आते ही लोगों के मन में एक भ्रष्टाचार वाले संस्थान की छवि उभरती थी। इस पर मजबूती से काम किया जा रहा है। कॉरपोरेट ऑफिस की तर्ज पर साढ़े सात करोड़ से सिटिंग अरेंजमेंट प्लान बनाया जा रहा है। सभी पार्टीशन हटाकर शीशे के पारदर्शी पार्टीशन रहेंगे।
अवैध कॉलोनियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। शुरू में जहां 380 के करीब अवैध कॉलोनियां थीं तो वहीं अब यह 150 के करीब रह गई हैं। प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप से शहर को पंख लगेंगे।
महायोजना जल्द होगी लागू
मेरठ महायोजना-2031 को प्राधिकरण बोर्ड मंजूरी दे चुका है। जहां 2021 की महायोजना 500 वर्ग किमी. की थी तो वहीं यह 1043 वर्ग किमी. की है। शासन में आपत्तियों का निस्ताण कर दिया है, इसी महीने लागू होने की संभावना है। इसमें दौराला व हापुड़ रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर के साथ ही सिटी लॉजिस्टिक पार्क, वेयर हाउस आदि प्रस्तावित किए हैं। गांव में क्लस्टर भी बनाए जाएंगे। महायोजना लागू होने से तेजी से नक्शे पास होंगे और शहर के विकास को रफ्तार मिलेगी।
महायोजना जल्द होगी लागू
मेरठ महायोजना-2031 को प्राधिकरण बोर्ड मंजूरी दे चुका है। जहां 2021 की महायोजना 500 वर्ग किमी. की थी तो वहीं यह 1043 वर्ग किमी. की है। शासन में आपत्तियों का निस्ताण कर दिया है, इसी महीने लागू होने की संभावना है। इसमें दौराला व हापुड़ रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर के साथ ही सिटी लॉजिस्टिक पार्क, वेयर हाउस आदि प्रस्तावित किए हैं। गांव में क्लस्टर भी बनाए जाएंगे। महायोजना लागू होने से तेजी से नक्शे पास होंगे और शहर के विकास को रफ्तार मिलेगी।
उपलब्धियां
प्रदेश की पहली इंटीग्रेडेड टाउनशिप परतापुर-मोहिउद्दीन में बनेगी।
शहर को सूरजकुंड पार्क की सौगात दी। भारी संख्या में घूमने आते हैं लोग
मवाना रोड को किला परीक्षितगढ़ रोड से जोड़ते हुए 45 मीटर सड़क का निर्माण।
स्मार्ट सिटी की पहचान दिलाते हुए हापुड़ अड्डे पर साइनेज स्थापित करना।-गंगानगर एक्सटेंशन में न्यू टाउनशिप का विकास करना।
चुनौतियां
महायोजना-2006 में कैटल कॉलोनी के जिक्र के बावजूद आज तक नहीं हुआ कोई काम।
शताब्दीनगर में 650 एकड़ भूमि पर नहीं ले सके कब्जा, अटके विकास कार्य।
हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद रजिस्ट्री के सालों बाद कई आवंटियों का नहीं मिला कब्जा।
दो साल पहले बोर्ड बैठक में 10 करोड़ से मेडा परिसर में मल्टीलेवल पार्किंग व मल्टीपरपज हॉल का निर्माण।
न्यू टाउनशिप के लिए जमीन अधिग्रहण और मूर्तरूप देकर विकसित करना।