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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: सपा-कांग्रेस के बीच होगा गठबंधन! शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत, जल्द हो सकता है एलान

Abhay updhyay
30 Sept 2023 10:56 AM IST
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: सपा-कांग्रेस के बीच होगा गठबंधन! शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत, जल्द हो सकता है एलान
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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की प्रबल संभावना है. दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत चल रही है. आधिकारिक घोषणा के बाद दोनों पार्टियों के प्रमुख नेता भी मंच साझा करेंगे.

मध्य प्रदेश की 25-30 सीटों पर यादव मतदाता निर्णायक माने जाते हैं. हालांकि, करीब 50 सीटों पर उनकी अच्छी संख्या है. वहां मुसलमानों का झुकाव कांग्रेस की ओर है, लेकिन यादव मतदाताओं पर बीजेपी की अच्छी पकड़ मानी जाती है.

मध्य प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतरने की रणनीति बनाई है. इसके तहत उसकी योजना वोट प्लस करने वाली अन्य पार्टियों को एक साथ लाने की है.

हालांकि मध्य प्रदेश में एसपी का कोई बड़ा जनाधार नहीं है, लेकिन कई यादव बहुल सीटों पर उसका पहले से ही अच्छा प्रभाव है.

2003 के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने सात सीटें जीती थीं। पिछले विधानसभा चुनाव में बिजावर सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी, जबकि पांच सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी. सूत्रों के मुताबिक गठबंधन के तहत सपा इन छह सीटों के अलावा चार अन्य सीटों की मांग कर रही है.

2018 के चुनाव में कुछ सीटों पर सपा ने बेहतर प्रदर्शन किया था.

सपा के रणनीतिकारों का मानना है कि 2018 के चुनाव में जिन सीटों पर सपा ने बेहतर प्रदर्शन किया था, उन्हें सीटें देने में कांग्रेस को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि पिछले चुनाव में इन सीटों पर मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच था. कांग्रेस आमने-सामने की लड़ाई में नहीं थी.

दोनों पार्टियों के प्रमुख नेता मंच साझा करेंगे

प्रदेश में सपा और कांग्रेस गठबंधन के पैरोकारों का कहना है कि अगर दोनों पार्टियां एक साथ आती हैं, अखिलेश यादव समेत सभी प्रमुख नेता एक मंच पर प्रचार करेंगे तो इससे यादव मतदाताओं को एक साथ लाने में मदद मिलेगी. इससे अंततः कांग्रेस को ही फायदा होगा. वहीं, सपा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की दिशा में आगे बढ़ेगी.

मध्य प्रदेश में गठबंधन की बात चल रही है: जावेद

सपा की ओर से विपक्षी गठबंधन भारत की समन्वय समिति के सदस्य और राज्यसभा सांसद जावेद अली खान मानते हैं कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में साझेदारी के लिए सपा और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही है. अगर बातचीत किसी नतीजे पर पहुंचती है तो यह दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होगा।

दबाव की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही सपा!

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 27 और 28 सितंबर को मध्य प्रदेश के दौरे पर थे. उन्होंने वहां जाति जनगणना के लिए कांग्रेस के समर्थन को सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम बताया था. यह भी कहा गया कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस टिकट नहीं देगी, उसे सपा चुनाव लड़ा सकती है।

राजनीतिक हलकों में इसे दबाव की राजनीति माना जा रहा है, ताकि कुछ इलाकों में अपनी पकड़ दिखाकर यह भी अंदाजा लगाया जा सके कि गठबंधन पर बात नहीं बनने पर मध्य प्रदेश में सपा किस हद तक जा सकती है. इसी रणनीति के तहत सपा ने छह सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं.|

Abhay updhyay

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