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उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव: अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव का टिकट बदायूं से क्यों कटा? जानिए इसके पीछे की सियासत

Kanishka Chaturvedi
21 Feb 2024 7:42 AM GMT
लोकसभा चुनाव:  अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव का टिकट बदायूं से क्यों कटा? जानिए इसके पीछे की सियासत
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पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का बदायूं लोकसभा सीट से टिकट काटकर सपा ने पूर्व सांसद सलीम शेरवानी और पूर्व विधायक आबिद रजा को साधने की कोशिश की है। अब बदायूं सीट से धर्मेंद्र यादव के स्थान पर शिवपाल सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। मंगलवार को जारी सपा की तीसरी सूची में बदायूं से शिवपाल सिंह के नाम की घोषणा की गई। जबकि धर्मेंद्र यादव को कन्नौज और आजमगढ़ का प्रभारी बनाया गया है।

बदायूं लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रहे पूर्व विदेश राज्यमंत्री सलीम शेरवानी ने किसी मुस्लिम को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी न बनाए जाने पर रविवार को सपा राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। 2009 में सपा ने शेरवानी का टिकट काटकर ही धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद से शेरवानी लोकसभा चुनाव में धर्मेंद्र यादव के खिलाफ कांग्रेस से मैदान में उतरते आ रहे हैं।

वह आंवला लोकसभा सीट से इस बार आबिद रजा को टिकट की पैरवी कर रहे थे। इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने शेरवानी के बेटे शाद शेरवानी को शेखूपुर और आबिद रजा को शहर सीट से टिकट नहीं दिया था। जब शेरवानी ने इस्तीफा दिया तो आबिद रजा भी उनके साथ थे। चर्चा थी कि आबिद भी कोई कदम उठा सकते हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश ने सलीम शेरवानी और आबिद को साधने के लिए ही चाचा शिवपाल यादव को मैदान में उतारा है।

आबिद के बागी तेवर, बोले- पीडीए के साथ अन्याय

पूर्व विधायक आबिद रजा एक बार फिर से बागी तेवर अपनाने लगे हैं। बरेली मंडल में बदायूं, आंवला, शाहजहांपुर, बरेली किसी भी लोकसभा सीट सपा से कोई मुस्लिम प्रत्याशी न बनाए जाने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है। मंगलवार को बयान जारी कर आबिद ने कहा कि यह पीडीए के साथ धोखा है। मुसलमान ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मुसलमानों में चर्चा है कि उनका इस्तेमाल सिर्फ वोट के लिए किया जाता है।

मैदान छोड़ कर भागे भतीजे, अब चाचा की बारी: संघमित्रा मौर्य

भाजपा सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि भतीजा मैदान छोड़कर भाग गया है। अब चाचा की बारी है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से 2019 में एकजुट होकर भतीजे को हराया, उसी तरह से इस बार चाचा को भी हराएंगे। धर्मेंद्र यादव पर कहा कि इस बार उनकी हार की हैट्रिक बनेगी।

Kanishka Chaturvedi

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