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वकीलों ने पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा, ताबड़तोड़ चालान से परेशान हुए लोग
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गाजियाबाद। गाजियाबाद के मसूरी डासना और आसपास के इलाकों में पुलिस के जवानों द्वारा स्थानीय लोगों के बाइक को जबरन रोककर ताबड़तोड़ चालान करने और परेशान करने का मामला सामने आया है। इसके बाद वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिले जिसमें चालान प्रक्रिया को सरल और पारदर्शिता अपनाने की अपील की गई है ताकि आम जनता के लोग चालान प्रक्रिया से परेशान ना हो।
इस मामले में अधिवक्ताओं ने बताया कि पुलिस मोटरसाइकिल सवार लोगों को बाजार में अपनी जरूरत का कोई सामान लेने जाते समय उन्हें जबरन रोक दिया जाता हैं और उनसे हेलमेट, गाड़ी के कागजात, लाइसेंस आदि की मांग करते हैं। तो वहीं कुछ लोगों के तो बिना पूछे, बिना रोके फोटो खींचकर चालान काट दिया जाता है। स्थानीय बताने पर भी पुलिस उसकी बात को नजरअंदाज करके उसका चालान काट देते हैं।
स्थानीय लोगों को आपत्ति है कि अगर कोई नाबालिग बच्चा रोड पर मोटरसाइकिल चलाता हुआ पाया जाता हैं तो उसे रोककर उसका चालान करना सही माना जा सकता है लेकिन आम जनमानस जो कि अपने घर से कुछ ही दूरी पर अपनी लोकल मार्केट में सब्जी, फल या अन्य चीजों की खरीदारी के लिए मोटरसाइकिल पर बिना हेल्मेट पहने जाते हैं तो उसे लोकल पुलिस मसूरी स्टैंड डासना बस स्टैंड पर रोककर चालान काट देते हैं।
स्थानीय लोगों को कार सवार को रोककर उसकी चेकिंग में कोई आपत्ति नही हैं क्योंकि कार लोकल मार्किट के लिए नहीं है लेकिन मोटरसाइकिल सवारों को रोककर चालान करके परेशान किये जाने से स्थानीय लोग दुखी और परेशान हैं। ऐसा ना हो कि आने वाले चुनाव में राजनीतिक पार्टी को इस तरह के पुलिस के चालान काटने से नुकसान ना उठाना पड़े इसको भी ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए। हालांकि अधिकारी ने अधिवक्ताओं को जांच करने का आश्वासन दिया है।