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उत्तराखंड

Kotdwar: भारी बारिश से थलनदी पर बना पैदल पुल बहा, मालन घाटी में कई मकान ध्वस्त, एक वृद्ध लापता

Abhay updhyay
10 Aug 2023 6:49 AM GMT
Kotdwar: भारी बारिश से थलनदी पर बना पैदल पुल बहा, मालन घाटी में कई मकान ध्वस्त, एक वृद्ध लापता
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मंगलवार रात हुई भारी बारिश से दुगड्डा ब्लॉक की मालन घाटी में भारी तबाही हुई। सबसे अधिक नुकसान चूना महेड़ा गांव में हुआ है. यहां कई घर तबाह हो गए हैं जबकि कई घर मलबे में दब गए हैं और एक बुजुर्ग लापता हो गए हैं. वहीं निकटवर्ती सौड़, लदोखी, धारगांव, चौंडली, मैती काटल, जौरासी आदि गांवों में कई नाली व कृषि भूमि मलबे में दब गई। चुना महेदा की प्रधान सादिया बेगम ने बताया कि मंगलवार रात 11 बजे गांव में हुई तेज बारिश के दौरान मोहम्मद उस्मान, रहमत अली, शौकत अली, हकुमुद्दीन की इमारतें गिर गईं, जबकि एक वृद्ध रहमत अली (90) गुम।ग्रामीण प्रमिला देवी, मंजू देवी, बबली देवी के मकान व गौशाला मलबे में दब गये हैं. ग्रामीण लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं. घटना के बाद डीएम पौडी डा. आशीष चौहान ने प्रभावित गांव का दौरा किया. उधर, ग्राम पंचायत सौड़ की प्रधान सैनू देवी ने कहा कि मालन नदी में आई बाढ़ से जायदा बेगम, रोशनी देवी, संगीता देवी और अमृत सरोवर की गौशालाएं बह गईं। जुड्डा गांव की पाइप लाइन और सिंचाई पाइपें मलबे में दब गई हैं।लदोखी गांव में भी भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीण शुभम कुमार ने बताया कि राजेंद्र सिंह के घर में मलबा भर गया है, जबकि सुरेंद्र सिंह के घर में दरारें पड़ गयी हैं. राजेंद्र नेगी, धीरज सिंह रावत, वीरेंद्र सिंह नेगी, महावीर सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह रावत, भगत सिंह आदि के खेतों में मलबा भर गया है। उधर, सांसद प्रतिनिधि चंडी प्रसाद कुकरेती ने बताया कि भारी बारिश के कारण मंगधार रौली के बीच ऊपरी हिस्से में हुए भूस्खलन से जौरासी मल्ली के लिए बनी जल संस्थान की पेयजल लाइन और पेयजल टैंक बह गए हैं। ग्राम पंचायत जौरासी का राजस्व ग्राम जौरासी मल्ली चांपानी। भालाडांग तोक और पंचायत भवन जौरासी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय जौरासी और मां बालकवारी देवी मंदिर गदेरे को जोड़ने वाले सभी संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अत्यधिक बारिश के कारण जौरासी मल्ली के नौपानी तोक में प्रवीण सिंह रावत, रोशन सिंह रावत, अरुण कुमार डबराल के घर के आंगन में दरारें आ गई हैं।

थलनदी पर बना पैदल पुल बह गया, कृषि भूमि नष्ट हो गई

यमकेश्वर ब्लॉक में भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ है। बारिश से उफनती सतेड़ी नदी में आई बाढ़ के कारण झांपा पुल का एक पिलर बह गया, जबकि यमकेश्वर और दुगड्डा ब्लॉक को जोड़ने वाला नदी काटल में थलनदी पर बना पैदल पुल भी बह गया। कांडी गांव में तीन गौशालाएं मलबे में दब गईं और 11 मवेशियों की मलबे में दबकर मौत हो गई। मुंडगांव में एक घर के साथ-साथ कई नाली कृषि भूमि बह गई। जिला पंचायत सदस्य विनोद डबराल ने बताया कि भारी बारिश के कारण कांडी गांव में मदन सिंह, राजेश नेगी, सुरमन सिंह की गौशालाएं मलबे में दब गईं और 11 मवेशियों की मौत हो गई। ग्रामीण राम सहाय सिंह नेगी और विजयपाल सिंह का शौचालय और पानी का टैंक मलबे में दब गया।

भूस्खलन से निर्मल कुमार, श्याम लाल, ध्रुवपाल सिंह नेगी, राम सहाय सिंह नेगी और विजयपाल सिंह के मकानों को खतरा पैदा हो गया है। ध्रुवपाल सिंह नेगी के परिवार को दूसरे भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। उधर, मुंडगांव में रमेश चंद्र बधाणी का घर, संजय कुमार, अमरदेव, हेमंत कुमार, रमेश चंद्र, गणेश चंद्र, महेश चंद्र सुनील कुमार की करीब 25 नाली कृषि भूमि बाढ़ में बह गई। जिला पंचायत सदस्य विनोद डबराल, पूर्व उपाध्यक्ष मंडी समिति अशोक सिंह नेगी, ग्राम प्रधान अनुज नेगी ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। सूचना पर राजस्व विभाग की टीम ने गांव का मौका निरीक्षण किया है।

कलालघाटी पुलिस व एसडीआरएफ ने मालन में फंसे 22 मजदूरों की जान बचाई

मंगलवार शाम मालन नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण खड़ंजा मरम्मत में लगे 22 मजदूर फंस गए। इनमें से 12 मजदूरों को शाम को ही बचा लिया गया था, जबकि अन्य मजदूर दो लकड़ी के स्लैब के बीच फंसे हुए थे. सूचना मिलते ही कोटद्वार से कोतवाल मणिभूषण श्रीवास्तव एसडीआरएफ के साथ मौके पर पहुंचे और जेसीबी और रस्सियों की मदद से देर रात सभी को रेस्क्यू किया। नदी के तेज बहाव में जहां कॉजवे के पास खड़ी आठ बाइकें बह गईं, वहीं एक छोटा हाथी और एक रोड रोलर मलबे में दब गए। सड़क के बह जाने से भाबर की ओर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है। फिलहाल लोनिवि नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार कर रहा है।

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