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जाने वशिष्ठ पीठाधीश्वर ब्रह्मॠषि वेदांती महाराज से मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कौन होता है?
नेहा सिंह तोमर
गाजियाबाद। सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में 10 दिवसीय संत सनातन कुंभ में आयोजित वाल्मीकि रामायण राम कथा के चौथे दिन कथा व्यास वशिष्ठ पीठाधीश्वर ब्रह्मॠषि वेदांती महाराज ने कहा कि मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अहंकार होता है। अहंकार ही मनुष्य के पतन का कारण बनता है।
वेदांती महाराज ने कहा कि हमारा अहंकार ही हमें भगवान से भी दूर कर देता है। अहंकार जितना बढ़ता जाएगा, भगवान भी हमसे दूर होते जाएंगे। जिस दिन हम अभिमान से दूर हो जाएंगे उस दिन भगवान को अपने पास पाएंगे। मंदिर के पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि आज के समय में बाल्मीकि रामायण ही हमें सभी कष्टों व दुखों से मुक्ति दिला सकती है। गिरी महाराज ने बताया कि राम कथा 9 जुलाई तक चलेगी और 10 जुलाई को श्रद्धांजलि सभा में मंदिर के ब्रहमलीन गुरु मूर्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
सभी कार्यक्रमों की व्यवस्था महंत धीरेंद्र पुरी महाराज, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज, महंत गिरिशानंद गिरी महाराज, महंत कन्हैया गिरी महाराज, महंत विजय गिरी महाराज, महंत मुकेशानंद गिरी महाराज वैद्य कर रहे हैं। संतों का स्वागत धर्मपाल गर्ग, अनुज गर्ग, विजय मित्तल, शंकर झा, अमित कुमार शर्मा और दीपांकर पांडेय करेंगे। कथा में डॉ. राधवेंद्र दास महाराज, महंत गिरीशानंद गिरी महाराज, महंत मुकेशानंद गिरी महाराज, महंत विजय गिरी महाराज, महंत शैलेंद्र गिरी महाराज, महंत कैलाश गिरी महाराज श्मशानवासिनी, विजय मित्तलए अजय चोपड़ा आदि भी मौजूद रहे।