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खोड़ा रेजिडेंट एसोसिएशन ने समस्याएं और नेताओं के वादों को ध्यान में रखकर वोट डालने की अपील की
-खोड़ा में पानी को लेकर हर चुनाव में करते हैं वादा लेकिन चुनाव के बाद भूल जाते हैं
गाजियाबाद। खोड़ा कॉलोनी की 12 लाख आबादी पानी के लिए मकान को बेचकर दिल्ली नोएडा इंदिरापुरम जा रही है, कॉलोनी में आज जनता का जीवन पानी के बिना त्रस्त हो चुका है लेकिन राजनीतिक पार्टियां हर चुनाव में जाकर जनता को झूठ बोलती है। हर बार नए-नए वादे जनता के बीच में घोषणा की जाती है लेकिन खोड़ा की जनता राजनीतिक पार्टियों के द्वारा चुनाव जीतने के बाद अपने आप को ठगा हुआ महसूस करती है। खोड़ा रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक जोशी ने एक बयान जारी कर यह बात कही है।
उन्होंने बताया कि 2018 और 2022 की विधानसभा चुनाव में पानी को लेकर घोषणा की गई, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पानी को लेकर घोषणा की गई, 2023 में निकाय चुनाव में फिर से पानी को लेकर घोषणा की गई और आज फिर लोकसभा चुनाव 2024 में खोड़ा की जनता से पानी देने के नाम पर वोट मांगने की तैयारी की जा रही है। जिसका खोड़ा रेजिडेंट एसोसिएशन(केआरए) विरोध करता है। केआरए अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा खोड़ा की जनता को मूलभूत सुविधा चाहिए। जाति, धर्म और मजहब के नाम पर खोड़ा के अंदर वोट ना मांगा जाए।
उन्होंने क्षेत्र की जनता से आह्वान किया कि वोट देने से पहले क्षेत्र के अंदर मूलभूत सुविधाएं क्या-क्या है उन्हें ध्यान में रखकर वोट देने की अपील की। उन्होंने सत्ताधारी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी आज भी खोड़ा कॉलोनी के अंदर महिलाओं के लिए कोई प्रसूति केंद्र नहीं, बच्चों के लिए कहीं कोई सरकारी 12वीं तक का स्कूल नहीं, मकान पर एड्रेस नहीं, पीने के लिए गंगाजल वॉटर सप्लाई नहीं, कहीं कोई हॉस्पिटल नहीं, सीवरेज की व्यवस्था नहीं है। इस 21वीं सदी में आज भी खोड़ा की जनता अपने सिर पर गैस सिलेंडर ढोती है और तो और क्षेत्र के अंदर तारों का जंजाल बना हुआ है और उल्टे सीधे बिजली के पोल गली घेर कर खड़े हुए हैं। इसलिए इस बार क्षेत्र की जनता काम के आधार पर वोट करें, बड़े-बड़े नेताओं के मंच पर आकर घोषणाओं से अब काम नहीं चलेगा।