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उत्तर प्रदेश

Kanpur Farmer Suicide: हाईकोर्ट ने प्रियंरजन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर पांच दिसंबर तक लगाई रोक, ये है वजह

Abhay updhyay
29 Nov 2023 12:47 PM IST
Kanpur Farmer Suicide: हाईकोर्ट ने प्रियंरजन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर पांच दिसंबर तक लगाई रोक, ये है वजह
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कानपुर में किसान बाबू सिंह आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान प्रियरंजन आशू की ओर से दाखिल शपथपत्र ने सभी को चौंका दिया है। प्रियरंजन के अधिवक्ता का दावा है कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद वह पुलिस के संपर्क में रहा और विवेचना में सहयोग करने व अपना पक्ष रखने के लिए एसीपी कार्यालय भी पहुंचा।

साथ ही फोन के माध्यम से भी विवेचक के संपर्क में रहा। इस दौरान न तो उसकी गिरफ्तारी की गई और न ही उसे बताया गया कि वह मुकदमे में वांछित है। इस पर सरकार की ओर से जवाब के लिए समय मांगा गया है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए पांच दिसंबर की तारीख तय कर दी और तब तक पुलिसिया कार्रवाई पर रोक की अवधि भी बढ़ा दी।

चकेरी निवासी किसान बाबू सिंह ने 9 सितंबर 2023 की सुबह रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। बाबू ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था। बाबू की पत्नी ने चकेरी थाने में भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन आशू दिवाकर, बब्लू यादव, राहुल जैन, मधुर पांडे, शिवम सिंह चौहान, जितेंद्र यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।


धोखे से रजिस्ट्री करवा ली, लेकिन रुपया नहीं दिया

आरोप है कि पति की लगभग सात करोड़ रुपये कीमत की साढ़े छह बीघा जमीन को इन लोगों ने षड़यंत्र करके धोखे से रजिस्ट्री करवा ली, लेकिन रुपया नहीं दिया। इससे परेशान होकर बाबू ने खुदकुशी कर ली। मामले में राहुल जैन और मधुर पांडे को जेल भेजा गया था जबकि बाकी आरोपी फरार चल रहे हैं।


प्रियंरजन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी

राहुल जैन को पिछले दिनों हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी जबकि आरोपी जितेंद्र यादव को अग्रिम जमानत मिल चुकी है। प्रियंरजन ने हाईकोर्ट में एफआईआर और गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। इसमें पहले हाईकोर्ट ने एक दिन के लिए पुलिसिया कार्रवाई पर रोक लगाई थी। इसके बाद अंतरिम आदेश की अवधि 28 नवंबर तक बढ़ा दी थी।

प्रियरंजन के वकील की दलील

कानपुर में प्रियरंजन की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करने वाले अधिवक्ता सरनाम सिंह राजावत का कहना है कि आशू घटना के बाद पुलिस जांच में सहयोग किया, इसीलिए उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई। साथ ही उसे कभी भी नहीं बताया गया कि वह वांछित है।


कुर्की की कार्रवाई की गई, फिर भी वह हाजिर नहीं हुए

वहीं, मामले में चकेरी इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे का कहना है कि प्रियरंजन के शपथपत्र का कोई आधार नहीं है। पुलिस उनके और परिवार के संपर्क में थी। हाजिर होने के लिए कई मौके दिए गए। उनके द्वारा जांच में सहयोग न करने पर कुर्की की कार्रवाई की गई, फिर भी वह हाजिर नहीं हुए।


अगली तारीख पर पुलिस पेश करेगी शपथपत्र

प्रियरंजन की ओर से सोशल मीडिया पर वीडियो भी जारी किया गया। इससे साफ है कि मामला उनकी जानकारी में था। वह सिर्फ गिरफ्तारी से राहत पाने के लिए तारीखें बढ़वाने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस अगली तारीख पर उनके शपथपत्र पर रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगी।

Abhay updhyay

Abhay updhyay

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