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- सजावट में आक्सीजन अधिक देने वाले पौधों का खूब हो रहा प्रयोग
गाजियाबाद। दिवाली से पहले साफ-सफाई के बाद घरों को सजाया जा रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण इस बार घर की सजावट में आक्सीजन अधिक देने वाले पौधों का खूब प्रयोग हो रहा है। पौधों से न केवल घर की सुंदरता में चार चांद लग रहे हैं बल्कि लोगों को आक्सीजन भी मिल रहा है।
दिवाली पर्व के 10 से 15 दिन पहले घरों की साफ-सफाई शुरू हो जाती है। जगह-जगह मकानों की रंगाई-पुताई चल रही है। जिन लोगों की पुताई हो गई है वह घर की सजावट में लग गए हैं। लोग घर में नया सामान खरीदकर ला रहे हैं। घर की सजावट के लिए ज्यादातर लोग हर वर्ष रंग-बिरंगी लाइटों की झालर खरीदते हैं। घर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं लेकिन अब घर सजाने के तरीके में भी बदलाव आ रहा है। बड़ी संख्या में लोग नर्सरी से पौधे खरीद रहे हैं। घर की छत से लेकर बालकनी, दरवाजे के बाहर, बेड रूम तक में पौधे रख रहे हैं। नर्सरी में पौधों की प्रजाति और उनकी लंबाई मुताबिक कीमत तय की जा रही है।
-सजावट के साथ प्रदूषण पर वार : प्रदूषण के प्रकोप बढ़ जाने से अस्थमा के मरीजों में सांस की समस्या बढ़ रही है। इसके लिए बाजारों में ऐसे पौधे मिल रहे हैं, जिन्हें घर के कमरे में लगाने से कमरे की वायुमंडल गुणवत्ता में सुधार होता है। यह पौधे आक्सीजन स्तर को बढ़ाने में मददगार साबित हो रहे हैं। जीजी प्लांट, रबर, स्नेक, ऐरेका पाम, डाइफेनबैचिया, एंथुरियम, तुलसी व अन्य पौधों की ज्यादा बिक्री हो रही है। नर्सरी संचालकों का कहना है कि इनडोर पौधों की मांग बढ़ गई है। सबसे अधिक डाइफेनबैचिया व ऐरेका पौधे बिक रहे हैं।
आक्सीजन वाले पौधे और उनकी कीमत
रबर प्लांट 200
स्नेक प्लांट 150
बम्बू प्लांट 120ऐरेका पाम 150
डाइफेनबैचिया 150
एंथुरियम प्लांट 550